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फाइलेरिया सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम होगा और प्रभावी, सेवन करने वाले लोगों की उँगलियों पर की जाएगी मार्किंग ..

पहले यह कार्यक्रम 3 से 4 दिनों तक ही चलता था. इस बार यह कार्यक्रम 14 दिनों तक चलेगा. अभियान के 7 वें एवं 14 वें दिन छूटे हुये लोगों को आशा घर-घर जाकर दवा खिलाएगी. पहली बार आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने के लिए 24 सौ रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. 

- प्रत्येक आशा को दी जाएगी 24 सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि.
- घरों की दीवारों पर मर्किंग करना होगा अनिवार्य
- कार्यपालक निदेशक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लेंगे जायजा

बक्सर टॉप न्यूज़, पटना: फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर राज्य के 24 ज़िलों में 7 अगस्त से  सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. शत-प्रतिशत लक्षित समूह को दवा सेवन सुनिश्चित कराने के मकसद से इस बार के एमडीए कार्यक्रम में कुछ नए बदलाव किए गए हैं. अब पोलियो अभियान की तर्ज़ पर एमडीए कार्यक्रम के दौरान भी दवा सेवन करने वाले लोगों के बाएँ हाथ की तर्जनी नाखून पर मर्किंग की जाएगी. इसके लिए सभी लक्षित ज़िलों में मार्कर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी है.

शत-प्रतिशत दवा सेवन सुनिश्चित कराने का प्रयास : राज्य

समन्वयक नेगलेकटेड ट्रोपिकल डीजीज विश्व स्वास्थ्य संगठन डॉ. राजेश पाण्डेय ने बताया राज्य में पहली बार फ़ाइलेरिया- सर्वजन दवा सेवन के दौरान सेवन करने वाले लोगों के उँगली पर मर्किंग करने की पहल की गयी है. इसको लेकर पूरे राज्य में लगभग 95 हज़ार मार्कर उपलब्ध कराए गए हैं. इससे शत-प्रतिशत दवा सेवन सुनिश्चित कराने में सहयोग मिलेगा. प्रत्येक साल एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के जरिए लोगों को फ़ाइलेरिया के विषय में जानकारी देने के साथ उन्हें फ़ाइलेरिया से मुक्त करने का प्रयास किया जाता है. पहले यह कार्यक्रम 3 से 4 दिनों तक ही चलता था. इस बार यह कार्यक्रम 14 दिनों तक चलेगा. अभियान के 7 वें एवं 14 वें दिन छूटे हुये लोगों को आशा घर-घर जाकर दवा खिलाएगी. पहली बार आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने के लिए 24 सौ रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. 

भारत की बड़ी आबादी है फ़ाइलेरिया से पीड़ित: 

उन्होंने बताया विश्व स्तर पर कुल 73 देश फ़ाइलेरिया से पीड़ित हैं. जिसमें लगभग 43 प्रतिशत आबादी भारत में ही है. विश्व स्तर पर लगभग 160 करोड़ लोग फाइलेरिया के ख़तरे में हैं, जिसमें 63 करोड़ आबादी सिर्फ़ भारत में निवास करते हैं. बिहार देश में सर्वाधिक फाइलेरिया प्रभावित राज्यों की सूची में पहले स्थान पर है.
   
घरों पर मर्किंग करना होगा अनिवार्य: 

एमडीए अभियान में घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने के लिए दो आशाओं की एक टीम गठित की गयी है. इन्हें एक दिन में 40 से 50 घरों का दौरा कर अपने सामने 2 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दवा खिलाने की ज़िम्मेदारी दी गयी है. साथ ही 20 आशाओं के पर्यवेक्षण के लिए नियुक्त की गयी आशा पर्यवेक्षिकाओं को प्रत्येक दिन घरों के निरीक्षण करने की ज़िम्मेदारी दी गयी है. कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा इस दौरान सभी घरों के दौरे को सुनिश्चित करने के लिए सभी आशाओं को घरों पर मर्किंग करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें दौरा किए गए घर पर हाउस नंबर के साथ तारीख़ डालने को भी कहा गया है. इससे छूटे हुये घरों की गणना करने एवं अभियान के 7 वें एवं 14 वें दिन पुनः दवा सेवन सुनिश्चित करने में सहयोग मिलेगा.

कार्यपालक निदेशक करेंगे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग:

फाइलेरिया सर्वजन दवा सेवन के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर 2 अगस्त को कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार राज्य के लक्षित 24  जिलों के संबंधित अधिकारियों से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम की तैयारी का जायजा लेंगे.

यह होंगे लक्षित समूह:  
- हर व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन करना है. केवल गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करनी है. 
- दो साल से अधिक उम्र के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं.
- स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है.








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