अधिकारियों ने डीएम के निर्देश को भी दिखाया ठेंगा, गबन के आरोपी मुखिया के विरुद्ध नहीं हुई जांच ..
जांच किए जाने का निर्देश दिए जाने के बावजूद अब तक मामले की जांच नहीं की गई है. ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है. आश्चर्य की बात तो यह है कि जिलाधिकारी द्वारा आदेश दिए जाने के बावजूद उनके मातहत उसका अनुपाल नहीं कर रहे हैं.
- सिमरी प्रखंड के गाजीपुर पंचायत का है मामला
- मुखिया पर लगा है ईट सोलिंग की राशि हड़पने का आरोप.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां प्रदेश में सुशासन का राज बताया जा रहा है वहीं प्रशासनिक अधिकारियों की सुस्ती सुशासन पर ही प्रश्नचिन्ह लगाती नजर आ रही है. सिमरी प्रखंड के काजीपुर ग्राम पंचायत में पीसीसी सड़क निर्माण में हजारों रुपये गबन करने वाले मुखिया अख्तर अली के खिलाफ गबन के आरोप में जिलाधिकारी के द्वारा जांच किए जाने का निर्देश दिए जाने के बावजूद अब तक मामले की जांच नहीं की गई है. ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है. आश्चर्य की बात तो यह है कि जिलाधिकारी द्वारा आदेश दिए जाने के बावजूद उनके मातहत उसका अनुपालन नहीं कर रहे हैं.
दरसअल, काजीपुर के मुखिया पर हजारों रुपये गबन करने का मामला दर्ज है. इस मामले को लेकर तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा वर्तमान मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसमें जिलाधिकारी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को मुखिया को पदच्युत करने की अनुशंसा करने की बात कही थी. इसी बीच राज्य से मिले निर्देश के आलोक में जिला अधिकारी ने पंचायती राज पदाधिकारी के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी को मामले की जांच कराने की बात कही. लेकिन मामले में अब तक कोई पहल नहीं की गई है.
दरअसल, वर्ष 2016-17 में काजीपुर गांव से मुख्य सड़क को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण होना था. सड़क निर्माण के दौरान बिना ईंट सोलिंग के ही पीसीसी ढलाई करा दी गई थी. वहीं, निर्माण के बाद मुखिया के द्वारा सड़क निर्माण की राशि 103989 की निकासी की गई थी. जबकि, इस राशि में 59989 की राशि ईंट सोलिंग के लिए सम्मिलित थी. मामले में अनियमितता बरतने की बात प्रकाश में आने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में मामले को सत्य पाया गया. जिसके बाद मुखिया को 59989.00 की राशि के गबन का दोषी माना गया.
वहीं, गबन के आरोप में उन पर सिमरी थाने में मामला भी दर्ज कराया गया. बाद में राज्य से मिले निर्देशों के अनुसार जिलाधिकारी के द्वारा 1 सप्ताह के अंदर मामले की जांच करते हुए रिपोर्ट करने का आदेश प्रखंड विकास पदाधिकारी, ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता समेत तीन सदस्य कमेटी को दिया गया था लेकिन अब तक मामले की जांच नहीं की जा सकी है. मामले में सिमरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.
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