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बड़ी खबर: नगर परिषद का रंगदारी टैक्स, सड़क पर चलने वालों से मनमानी वसूली ..

उन्हें हर बार इस वसूली की पर्ची भी नहीं दी जाती और जो पर्ची कभी कभार दी भी जाती है, उस पर्ची पर राशि का उल्लेख नहीं रहता. यह राशि उनके हर बार आने पर लिया जाता है. मसलन, कोई ऑटो चालक अगर दिन में दस बार दिखा तो उससे 200 रुपये वसूल लिए जाएंगे. 
ऑटो चालक

- टोल के नाम पर ऑटो चालकों से जमकर हो रही लूट.
- 2 रुपये की जगह 200 रुपये देते हैं ऑटो चालक.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: यूं तो हफ्ता वसूली अथवा रंगदारी टैक्स लेने की परंपरा पुरानी है. लेकिन जब यह वसूली जिम्मेदार लोगों के द्वारा की जाने लगे तो इसे क्या कहेंगे. इस तरह का मामला नगर के विभिन्न चौक चौराहों पर प्रतिदिन सामने आता है. जब नगर परिषद द्वारा ऑटो चालकों से प्रतिदिन हजारों रुपयों की अवैध वसूली का नज़ारा देखने को मिलता है. मजे की बात तो यह है कि, प्रशासन से लेकर संबंधित अधिकारी भी मामले में मौन साधे हुए रहते हैं. 
यही है टोल पर्ची


दरअसल, नगर परिषद द्वारा चलते-फिरते ऑटो से नगर परिषद विकास निधि के अंतर्गत 2 रुपये प्रति 24 घंटे पर वसूले जाने हैं. नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि इस पैसे का उपयोग वह नगर के विकास में करते हैं. सैरात के माध्यम से इस वसूली का ठीका किसी बहादुर सिंह नामक ठीकेदार को दिया गया है. हालांकि, ठीकेदार के द्वारा इस वसूली में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है. दरअसल, ठेकेदार द्वारा टैक्स के नाम पर मनमानी राशि की वसूली की जा रही है. ऑटो से जहां दिन भर में एक बार यह ही शुल्क लिया जाना है. वहीं, हर ऑटो से आने-जाने के दौरान हर बार टैक्स वसूला जाता है. दूसरी तरफ यह टैक्स नगर परिषद द्वारा निर्धारित टैक्स से करीब 10 गुना ज्यादा होता है. ऑटो चालक बताते हैं कि, उनसे 20 रुपये की राशि बतौर नप टैक्स लिया जाता है. यही नहीं, उन्हें हर बार इस वसूली की पर्ची भी नहीं दी जाती और जो पर्ची कभी कभार दी भी जाती है, उस पर्ची पर राशि का उल्लेख नहीं रहता. यह राशि उनके हर बार आने पर लिया जाता है. मसलन, कोई ऑटो चालक अगर दिन में दस बार दिखा तो उससे 200 रुपये वसूल लिए जाएंगे. ऑटो चालक कहते हैं कि, इस अवैध वसूली से परेशान होकर कई बार भागने के क्रम में उनसे दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं. जिसके बाद पुलिस उन्हीं को आकर दो डंडे लगा देती है.

इस संदर्भ में पूछे जाने पर नगर परिषद के प्रधान सहायक यशवंत कुमार ने बताया कि ऑटो चालकों से 2 रुपयों की राशि वसूले जाने का प्रावधान है. जो कि, प्रत्येक 24 घंटे पर देय होता है. प्रधान सहायक के इस बयान के बाद यह बात तो स्पष्ट हो गई की ठेकेदार द्वारा ऑटो चालकों से अवैध वसूली की जा रही है. इस संदर्भ में नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि, अगर ऑटो चालकों से मनमानी वसूली की जा रही है तो यह सर्वथा अनुचित है. मामले की जांच कराते हुए ठीकेदार के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा जाएगी.














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