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विजिलेंस की टीम ने शिक्षा विभाग के डीपीओ कार्यालय में मारा छापा ..

जिसके बाद टीम शुक्रवार की देर शाम डीपीओ स्थापना रामेश्वर सिंह के कार्यालय में पहुंच गई. टीम का नेतृत्व कर रहे विजिलेंस के डीएसपी मनोज कुमार एक-एक फाइलों को बारीकी से खंडाला तथा कई रजिस्टर भी चेक किए. बताया जा रहा है कि वह कुछ जरूरी कागजात वह अपने साथ भी लेते गए.

- गलत तरीके से शिक्षक नियुक्ति का है मामला.
- घंटों तक सघन जांच करने के पश्चात अपने साथ कई कागजात ले गई विजिलेंस की टीम.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना के कार्यालय में पटना से आई विजिलेंस की टीम ने छापेमारी की छापेमारी से कार्यालय के कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि, यह कार्रवाई शिक्षक नियुक्ति घोटाले से जुड़ी हुई है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने विजिलेंस की टीम को जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद टीम शुक्रवार की देर शाम डीपीओ स्थापना रामेश्वर सिंह के कार्यालय में पहुंच गई. टीम का नेतृत्व कर रहे विजिलेंस के डीएसपी मनोज कुमार एक-एक फाइलों को बारीकी से खंडाला तथा कई रजिस्टर भी चेक किए. बताया जा रहा है कि वह कुछ जरूरी कागजात वह अपने साथ भी लेते गए.

15 शिक्षकों की गलत नियुक्ति से जुड़ा है मामला:

दरअसल, डुमराँव प्रखंड के अरियांव पंचायत में वर्ष 2005 में 9 पुरुष तथा 6 महिला शिक्षकों की बहाली की गई थी. आरोप है कि, वह नियुक्ति रोस्टर के अनुसार नहीं हुई थी. नियुक्ति मनमाने तरीके से की गई थी. बाद में वह मामला हाईकोर्ट में चला गया. जहां मामले की सुनवाई चल रही थी. इसी बीच हाईकोर्ट के निर्देश पर पटना से एसपी मनोज कुमार के नेतृत्व में विजिलेंस की टीम बक्सर पहुंची. टीम ने डीपीओ (स्थापना) के कार्यालय में पहुंचकर विभिन्न फाइलों को खंगाला. बताया जा रहा है कि तकरीबन 1 घंटे चली जांच के पश्चात विजिलेंस की टीम कुछ महत्वपूर्ण फाइलों को अपने साथ लेते गई. बताया जा रहा है कि, मामला सामने आने के बाद शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी गई थी. बावजूद इसके दो ऐसे शिक्षक अभी भी हैं. जो पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं. बकायदा रजिस्टर में उनका नाम भी चल रहा है. हालांकि, उन्हें इसके लिए वेतन भी नहीं मिलता. बताया जा रहा है कि, उन्हें उम्मीद है कि, सरकार कभी ना कभी उन्हें पुनर्बहाल कर लेगी. हालांकि, मजे की बात यह है कि, शिक्षकों से कभी किसी ने यह नहीं पूछा कि पठन-पाठन का कार्य कैसे कर रहे हैं?













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