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रविवार को जीवित्पुत्रिका का उपवास, सोमवार सुबह पारण ..

उदया अष्टमी रविवार को उपवास पूर्वक प्रदोष काल में ही जीमूत वाहन की पूजा करके नवमी में सोमवार को प्रातः पारण कर लेना चाहिए.


- अश्विन पक्ष कृष्ण अष्टमी को जीवित्पुत्रिका का होता है व्रत.
- रविवार को 2:41 तक ही है अष्टमी तिथि.

बक्सर टॉप न्यूज़,बक्सर: अश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को जीवित्पुत्रिका व्रत होता है.प्रदोष काल व्यापिनी अष्टमी को जीमूत वाहन पूजा होता है.तिथियो का वर्णन इस प्रकार है दिनांक 21 सितंबर को अपराहन 3 : 33 के उपरांत अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है और अगले दिन यानी 22 सितंबर को 2:40 तक अष्टमी तिथि भोग कर रही है.इसके बाद उसी दिन 2:41 से नवमी तिथि प्रारंभ हो रही है जो अगले दिन यानी 23 सितंबर को दिन में 1:22 तक नवमी तिथि भोग कर रही है.इस व्रत के लिए यह भी आवश्यक है कि पूर्वाहन काल में पारण हेतु नवमी प्राप्त हो.इस वर्ष आश्विन कृष्ण अष्टमी रविवार को दिन में 2:40 तक है इसलिए पूर्व दिन सप्तमी को प्रदोष व्यापिन अष्टमी में व्रत करने पर पारण के लिए दूसरे दिन पूर्वाहन में नवमी प्राप्त नहीं हो रही है.अतः उदया अष्टमी रविवार को उपवास पूर्वक प्रदोष काल में ही जीमूत वाहन की पूजा करके नवमी में सोमवार को प्रातः पारण कर लेना चाहिए.अतः 22 सितंबर रविवार को जीवित्पुत्रिका का उपवास तथा प्रदोष काल में पूजन होगा. दिनांक 23 सितंबर सोमवार को प्रातः काल व्रत का पारण किया जाएगा.
- पंडित मुक्तेश्वर शास्त्री














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