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संस्मरण दिवस पर याद आए वीर शहीद श्याम जी मिश्रा ..

इसी बीच उनका स्थानांतरण धनबाद जिला के तोपचांची थाना क्षेत्र अंतर्गत ब्लॉक पर कंपनी समादेशक के रूप में हो गया. वर्ष 2001 में अक्टूबर माह की 31 तारीख को अचानक उग्रवादियों द्वारा इनकी टीम पर हमला बोल दिया गया इस दौरान दोनों तरफ से तकरीबन आधे घंटे तक गोलियां चलती रही. 

- पैतृक गांव सोनबरसा में आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा.
- डीएम, एसपी, एडीएम समेत कई लोग रहे मौजूद.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा .." यह पंक्तियां उस वक्त बरबस ही मुंह से निकल गई जब सोमवार को शहीद संस्मरण दिवस के अवसर पर पुलिस द्वारा अपने शहीद साथियों को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. इसी क्रम में औद्योगिक थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में शहीद श्याम जी मिश्रा की याद में एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह, पुलिस कप्तान उपेंद्र नाथ वर्मा, एडीएम चंद्रशेखर झा,  एसडीएम कृष्ण कुमार उपाध्याय, एसडीपीओ सतीश कुमार, औद्योगिक थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार, भोजपुरी गायकी के स्तंभ पुरुष भरत शर्मा, मजदूर नेता भरत मिश्रा,  भाजपा नेता अजय राय समेत कई प्रबुद्ध जन एवं समाजसेवियों ने शहीद श्याम जी मिश्रा के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया.


इस दौरान आयोजित सभा में जिलाधिकारी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, शहीदों की कुर्बानियों के बदौलत ही आज देश के हर निवासी को आजादी की सांस लेने का अवसर मिला है. वहीं, एसपी ने कहा कि, शहीदों की शहादत हमें याद दिलाती है कि, देश से बढ़कर कुछ भी नहीं है. देश के लिए लोगों को अपने प्राणों की भी आहुति देने से नहीं हिचकना चाहिए.

बताया जाता है कि, श्याम जी मिश्रा वर्ष 1962 में बिहार सैन्य पुलिस - 4 के स्पेशल बटालियन में शामिल हुए थे. नौकरी में रहते हुए उनका स्थानांतरण बिहार- झारखंड के कई स्थानों पर हुआ जहां इन्होंने पूरी लगन के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सदैव अपने पराक्रम तथा साहस का परिचय दिया. श्री मिश्र को उनके कार्यकाल के दौरान 84 बार पुरस्कृत किया गया था. इसी बीच उनका स्थानांतरण धनबाद जिला के तोपचांची थाना क्षेत्र अंतर्गत ब्लॉक पर कंपनी समादेशक के रूप में हो गया. वर्ष 2001 में अक्टूबर माह की 31 तारीख को अचानक उग्रवादियों द्वारा इनकी टीम पर हमला बोल दिया गया इस दौरान दोनों तरफ से तकरीबन आधे घंटे तक गोलियां चलती रही. इस दौरान श्याम जी मिश्रा ने अपनी वीरता एवं अदम्य साहस का परिचय देते हुए उग्रवादियों से लोहा लिया. हालांकि, इसी दौरान कई गोलियां उनके सीने को भी बेधते हुए निकल गई, जिसके कारण वह वीरगति को प्राप्त हो गए. आज भले ही श्याम जी मिश्रा हमारे बीच नहीं हो लेकिन उनकी वीरगाथा आने वाली पीढ़ियों को भी वीरता, साहस तथा कर्तव्यनिष्ठा की प्रेरणा देती रहेगी.

औद्योगिक थाना अध्यक्ष ने चॉकलेट बांट पेश की पब्लिक-पुलिसिंग की मिसाल:

सारे दिन असलहों, कारतूस तथा अपराधियों के बीच रहने वाले पुलिसकर्मियों के अंदर भी करुणा, प्रेम तथा सेवा भाव जैसे गुण मौजूद होते हैं. जो समय-समय पर सामने आते हैं. शहीद श्याम जी मिश्रा के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में औद्योगिक थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार ने भी कुछ ऐसा ही नजारा पेश किया. जब उन्होंने स्वयं अपने हाथों से मौके पर उपस्थित स्कूली बच्चों के बीच चॉकलेट तथा टॉफियां बांटते नज़र आएं. इस दौरान उन्होंने बच्चों को यह संदेश भी दिया कि, देश की सेवा को जीवन में सर्वोपरि स्थान देना चाहिए.













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