डीएम-एसपी ने किया सिगरहिया तालाब का निरीक्षण, मूर्ति विसर्जन को लेकर दिए आवश्यक निर्देश ..
सरकार से इस संबंध में दिशानिर्देश मिलने के बाद प्रशासन ने गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक से संबंधित पत्र जारी कर दिया है. इसके तहत शहर के सिगरहिया पोखरा में मूर्ति विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. वहीं, प्रखंडों की पूजा समितियां अपने यहां के ही आसपास के तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन करेंगी.
- गंगा की स्वच्छता को लेकर मूर्ति विसर्जन पर रोक
- घाटों की कराई बैरिकेडिंग, नहीं मानने पर 50 जुर्माना.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आदेश पर गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी गई है. सरकार से इस संबंध में दिशानिर्देश मिलने के बाद प्रशासन ने गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक से संबंधित पत्र जारी कर दिया है. इसके तहत शहर के सिगरहिया पोखरा में मूर्ति विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. वहीं, प्रखंडों की पूजा समितियां अपने यहां के ही आसपास के तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन करेंगी. अंतिम समय में आदेश जारी करने से बिना पूजा समितियों के सहयोग से इसे लागू कराना भी चुनौती होगा. हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि, इसको लेकर निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी.
इसी बीच जिला पदाधिकारी राघवेंद्र कुमार सिंह तथा आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने नगर के सिगरहिया तालाब का निरीक्षण किया. उनके साथ अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय तथा रेडक्रॉस सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी भी मौजूद थे. डीएम-एसपी ने तालाब के निरीक्षण के दौरान विभिन्न प्रकार के निर्देश दिए तथा सुरक्षा इंतजाम के बारे में भी जानकारी ली.
जारी आदेश के आलोक में थानाध्यक्षों को पूजा समितियों से समन्वय स्थापित करने को कहा गया है. साथ ही नगर परिषद को विजय दशमी तक होटल वैष्णवी क्लार्क के पीछे स्थित सिगरहिया तालाब के आसपास लाइटिग और साफ-सफाई की व्यवस्था करने को कहा गया है.
दरअसल, बक्सर अनुमंडल क्षेत्र की मूर्तियों का ही विसर्जन गंगा में होता है. यहां पूरे अनुमंडल क्षेत्र में लगभग 150 मूर्तियों स्थापित की गई हैं. इनमें से कई पूजा समितियां स्थानीय स्तर पर तालाब और पोखरों में मूर्तियों का विसर्जन करती हैं. रामरेखा घाट, महादेवा घाट और सारिमपुर पुल आदि पर गंगा में विसर्जन के लिए लगभग पूजा समिति आतीं हैं. अनुमंडल पदाधिकारी के.के उपाध्याय ने बताया कि गंगा को और प्रदूषण से बचाने के लिए अब इसमें मूर्ति का विसर्जन नहीं करने का सरकार ने निर्णय लिया है. गंगा को बचाने के लिए सभी को इसमें सहयोग करना होगा. उन्होंने बताया कि गंगा में मूर्ति विसर्जन को रोकने के लिए सभी घाटों में बैरिकेटिग के साथ सुरक्षा बल तैनात रहेंगे. वहीं, पड़ोसी जिले से आने वाली मूर्तियों को रोकने के लिए सीमा को सील रखा जाएगा. एसडीएम ने कहा कि सिगरहिया तालाब को समय रहते विसर्जन के लिए तैयार कर लिया जाएगा और पूजा समितियों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. एसडीएम ने बताया कि इसका उल्लंघन करने पर पांच से पचास हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. हालांकि, सरकार का उद्देश्य जुर्माना वसूल करना नहीं बल्कि लोगों की आदत में सुधार तथा गंगा को स्वच्छ रखना है. उन्होंने सभी लोगों से सरकार की इस पहल में सहयोग करने की अपील की.
एक दिन सरकार सिगरहिया तालाब नहाईल त दुरखाली गा... ,,पानी छुले।धो ले ।केतना साफ बा ।
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