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मजहब की दीवार तोड़ने के बाद भी जब पति बना गुनहगार, तो देवी से लगाई न्याय की गुहार ..

इसी बीच धीरे-धीरे पंकज ने नेहा से किनारा करना शुरू किया. उसने नेहा को डुमराँव में रख दिया तथा बक्सर में आकर दूसरी शादी करने का प्रयोजन शुरू कर दिया. संयोगवश यह भनक नेहा को लग गई तथा तिलक के दिन ही नेहा पुलिस को लेकर नालबंद टोली स्थित पंकज के घर पहुंच गई. उस वक्त पंकज की शादी टूट गई. 


- प्यार में धोखा खा चुकी है नालबंद टोली की रहने वाली नेहा
- प्यार के लिए मजहब भी छोड़ा, पति ने न्यायालय के आदेश को भी दिखाया ठेंगा.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कहते हैं दुनिया में प्यार से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता. प्यार के लिए लोग तरह-तरह की कुर्बानियां देने से भी नहीं हिचकते. प्यार के लिए लोग जात-पात ऊंच-नीच तथा धर्म की दीवारें भी तोड़ देते हैं. हालांकि, हर बार लोगों को सच्चा प्यार मिल जाए यह जरूरी नहीं होता. लोग प्यार के नाम पर अक्सर धोखा भी खा जाते हैं. ऐसा ही एक वाकया बक्सर में देखने को मिला है जहां एक युवती ने अपने प्यार को पाने के लिए ना सिर्फ अपना घर बार छोड़ दिया बल्कि, अपना मजहब तक बदल दिया. हालांकि उसे इश्क का सिला नहीं मिला.

जिसके लिए उसने अपना घर बार और अपना मजहब तक छोड़ा, उसी ने उसे अब दर-दर की ठोकरें खाने को छोड़ दिया है. मामला नगर के नालबंद टोली की रहने वाली नेहा परवीन उर्फ नेहा द्विवेदी का है. नेहा द्विवेदी ने कुछ वर्षों पूर्व अपने ही मोहल्ले के रहने वाले पंकज द्विवेदी से प्रेम विवाह किया था. पंकज द्विवेदी ने उसके साथ प्यार के कई झूठे वादे भी किए थे. जिसके बाद दोनों ने पटना के दीघा कोर्ट में जाकर शादी कर ली. पेशे से रेलवे कर्मी पंकज द्विवेदी ने इस शादी के बाद नेहा को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया तथा उसे अपने साथ रखने लगा. हालांकि, पंकज के घरवालों ने इसका विरोध किया था. इसी बीच धीरे-धीरे पंकज ने नेहा से किनारा करना शुरू किया. उसने नेहा को डुमराँव में रख दिया तथा बक्सर में आकर दूसरी शादी करने का प्रयोजन शुरू कर दिया. संयोगवश यह भनक नेहा को लग गई तथा तिलक के दिन ही नेहा पुलिस को लेकर नालबंद टोली स्थित पंकज के घर पहुंच गई. उस वक्त पंकज की शादी टूट गई. 

इस मामले के बाद नेहा ने न्यायालय में परिवाद दायर करा दिया. जिसके बाद न्यायालय ने पंकज द्विवेदी को स्पष्ट शब्दों में आदेश दिया कि, वह नेहा के भरण पोषण का इंतजाम करें. हालांकि, न्यायालय के आदेश के बावजूद पंकज ने इस तरह की कोई शुरुआत तो नहीं की लेकिन उसने दूसरी शादी जरूर कर ली. मामले को लेकर नेहा ने एक बार फिर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. न्यायालय में तारीखों के चक्कर में हो रहे विलंब के बीच नेहा को जब कुछ नहीं सूझा तो उसने अपने साथ हुए अत्याचार की दास्तान भगवती दुर्गा के समक्ष रखने की सोची. नवरात्र के अवसर पर उसने पुनः अपने पति को पाने की इच्छा को मन में रखकर नौ दिवसीय अनुष्ठान शुरू किया है. 9 दिन वह पूरे विधि-विधान के साथ नवरात्रि का उपवास रखकर भगवती दुर्गा की उपासना में लीन है. उसने उम्मीद जताई है कि, ऐसा करके वह अपने पति को दोबारा पाने में सफल रहेगी. बहरहाल, देवी दुर्गा अपने भक्त की पुकार कब तक सुनेंगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन फिलहाल नेहा की इस भक्ति को देखकर लोग प्यार की इस कहानी पर एक बार फिर सोचने को मजबूर हो गए हैं.














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