भोजपुरी क्षेत्र तथा भाषा के विकास को लेकर आयोजित हुई विचार गोष्ठी
सबने कुछ लोगों तथा कलाकारों के द्वारा भोजपुरी की अस्मिता को तार-तार किए जाने पर गहरा दुख जताया. साथ ही साथ भोजपुरी भाषा को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने का संकल्प लिया.
- हमार बक्सर संस्था के बैनर तले आयोजित हुआ कार्यक्रम.
- शामिल हुए कई समाजसेवी एवं प्रबुद्ध जन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: हमार बक्सर संस्था के तत्वाधान में नगर के चरित्रवन स्थित दस्तक कोचिंग संस्थान में भोजपुरी साहित्य संस्कृति तथा लोक कथा को लेकर एक विचार गोष्ठी तथा कविता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर नगर के कई प्रतिष्ठित समाजसेवी व प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे, जिन्होंने भोजपुरी भाषा तथा लोक संस्कृति के उत्थान के विषय में चर्चा की.
इस दौरान लोक संस्कृति से जुड़ी भोजपुरी के विभिन्न कविताओं का पाठ भी किया गया. मौके पर प्रख्यात पत्रकार, कवि तथा गंगा जागरण यात्रा से जुड़े निलय उपाध्याय, महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के प्राध्यापक टी एन पांडेय, अरुण मोहन भारवि, अतुल मोहन प्रसाद, पूर्व सैनिक संघ के रामनाथ सिंह, रामेश्वर मिश्र बिहान, भोजपुरी अभिनेता रोशन पांडेय, रामनाथ ओझा, नंद कुमार तिवारी, सुधीर कुमार मिश्रा आशुतोष दुबे, गिट्टू तिवारी, प्रभाकर मिश्रा, मुकेश ओझा, संदीप कुमार, सुजीत पांडेय, गुलशन सिंह, अमरजीत पांडेय, हर्षित पाठक, लोक कलाकार सुधीर कुमार मिश्रा, बबलू पांडेय समेत कई लोग उपस्थित रहे. सबने कुछ लोगों तथा कलाकारों के द्वारा भोजपुरी की अस्मिता को तार-तार किए जाने पर गहरा दुख जताया. साथ ही साथ भोजपुरी भाषा को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने का संकल्प लिया.
इस दौरान कुछ वक्ताओं ने जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार बक्सर की उपेक्षा किए जाने पर भी रोष जताया. उन्होंने कहा कि बक्सर का जिस रफ्तार के साथ विकास होने की उम्मीद की जा रही थी उसका कुछ प्रतिशत विकास भी नहीं हो पाया. जो विकास हुआ वह भी केवल कागजी खानापूर्ति बनकर रह गया है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ लोगों को भी सचेत होने की आवश्यकता है.
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