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आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होगी बर्दाश्त - जनतांत्रिक विकास पार्टी

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई परीक्षाओं के परिणाम में आयोग मेधा सूची में गड़बड़ी की है. जहां आरक्षित वर्ग का कट ऑफ मार्क्स अनारक्षित वर्ग से 7 अंक ज्यादा कर दिया गया है. 

- जिला मुख्यालय में आयोजित किया गया था एक दिवसीय धरना
- बोले वक्ता, संविधान में प्रदत्त अधिकारों का नहीं हो दमन.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: देशभर में चल रही आरक्षण को समाप्त करने की साजिश के खिलाफ जनतांत्रिक विकास पार्टी के द्वारा बक्सर जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर रवि प्रकाश ने की. 

इस दौरान जनतांत्रिक विकास पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार से बाबा साहब के संविधान सम्मत दलित कमजोर पिछड़ों तथा आदिवासियों को मिले आरक्षण से खिलवाड़ बंद करने की मांग की. स्टेशन रोड के कमलदह पोखर स्थित धरना स्थल पर जनतांत्रिक विकास पार्टी के नेताओं ने कहा कि, केंद्र एवं राज्य सरकारें सदैव कहती रहती है कि, पिछड़ों को मिल रहा आरक्षण समाप्त नहीं किया जाएगा लेकिन, वास्तविकता बिल्कुल इसके विपरीत है. इन्हें मिल रहा आरक्षण समाप्त किए जाने को गहरी साजिश हो रही है. 

उन्होंने मुख्यमंत्री नितीश कुमार के संदर्भ में बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंडल आंदोलन की उपज हैं. गला फाड़ फाड़कर सबका साथ सबका विकास का दावा करते नहीं थकते हैं लेकिन, हाथ कंगन को आरसी क्या? पढ़े लिखे को फारसी क्या? इनका आरक्षण को खत्म करने का प्लान है. ताज़ा उदाहरण बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई परीक्षाओं के परिणाम में आयोग मेधा सूची में गड़बड़ी की है. जहां आरक्षित वर्ग का कट ऑफ मार्क्स अनारक्षित वर्ग से 7 अंक ज्यादा कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त ओबीसी को 54 फीसद अधिकार से वंचित रखने वाले नीतीश कुमार अकेले सामान्य वर्ग को 80 फीसद आरक्षण देने वाले मुख्यमंत्री बन चुके हैं. सवर्ण गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने वाले केंद्रीय प्रस्ताव को तुरंत लागू करने का काम उन्होंने किया है. उन्होंने बताया कि, बिहार सरकार के राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा फार्मासिस्ट के 1311 पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन में ओबीसी के पदों की संख्या शून्य है. केंद्र सरकार के ग्रुप सी की नौकरियों में ओबीसी की भागीदारी 1 फीसद ही है. ग्रुप 'ए' विश्वविद्यालय में प्रोफेसर इत्यादि पदों पर भी भागीदारी में ओबीसी की हालत बदतर है. उन्होंने ने कहा कि, 60 फीसद ओबीसी को 21 फीसद का अधिकार दिया जा रहा है वहीं 15 फीसद सामान्य वर्ग को 60 फीसद अधिकार दिया जा रहा है.

ऐसे में उन्होंने मांग की कि, न्यायिक आयोग का गठन जल्द से जल्द हो और संविधान में शोषित दलित पीड़ित अति पिछड़ों के अधिकारों से छेड़छाड़ अविलंब बंद हो. उन्होंने कहा कि, संविधान से छेड़छाड़ करने वालों के लिए यह आंदोलन चेतावनी मात्र है. अगर यह नहीं रुका तो दलित ओबीसी पिछड़े अति पिछड़े वर्ग के लोग एक बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे.


धरना कार्यक्रम में इंजीनियर रवि प्रकाश, कालीचरण राम, चक्रवर्ती चौधरी, मुन्ना ठाकुर, दीपक सिंह, शाहेन्द्र कुमार, निकेश, कुमार राय, रवि रंजन कुमार, श्रीमन नारायण पटेल, विकास यादव, रमेश कुशवाहा, अर्जुन राम, किशन राम, वेदव्यास सिंह दीपक कुशवाहा, सुमन सिंह, राजेश कुमार सिंह कुशवाहा, तरुण ठाकुर, अभिनय राय, धनजी सिंह कुशवाहा, सोने लाल यादव समेत कई लोग मौजूद थे.



















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