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राज उच्च विद्यालय के प्राचार्य निलंबित, शिक्षा पदाधिकारी से दुर्व्यवहार का आरोप ..

राज +2 उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक राज रोशन और एक शिक्षक प्रमोद कुमार मिश्रा के खिलाफ की गई कार्रवाई की अनुशंसा को निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने तुरंत संज्ञान लिया. उन्होंने हेडमास्टर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

- विद्यालय का निरीक्षण करने डुमराँव पहुंचे शिक्षा पदाधिकारी ने लगाया दुर्व्यवहार का आरोप.
- विद्यालय के प्रधानाध्यापक को किया निलंबित, नालंदा शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में वर्तमान में देंगे सेवा.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पिछले दिनों शिक्षकों के साथ हुए बवाल के बाद चर्चा में आए जिला शिक्षा पदाधिकारी एक बार पुल लगभग उसी तरह के मामले को लेकर चर्चा में आ गए इस बार भी उन्होंने कानून का सहारा लिया है और थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है साथी उन्होंने राज उच्च विद्यालय, डुमरांव के प्रधानाध्यापक को निलंबित भी कर दिया. 

मामले में मिली जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरवरदयाल सिंह के निर्देश पर गुरुवार को डुमरांव स्थित राज हाईस्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा के साथ शिक्षकों की भिड़ंत हो गई. डीईओ ने  शिक्षकों पर हाथापाई करने, निरीक्षण पंजी छीन लेने और कमरे में बंद करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने प्रधानाध्यापक राज रोशन प्रसाद एवं विद्यालय के निरीक्षण में बाधा उत्पन्न करने वाले शिक्षकों पर अनुशासनिक कार्रवाई की मांग की. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा राज +2 उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक राज रोशन और एक शिक्षक प्रमोद कुमार मिश्रा के खिलाफ की गई कार्रवाई की अनुशंसा को निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने तुरंत संज्ञान लिया. उन्होंने हेडमास्टर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय निर्धारित किया गया है.

उधर, विद्यालय के हेडमास्टर ने डीईओ द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा है कि, केवल उन लोगों ने उनकी मनमानी का विरोध किया और इसी में बहस हुई है। जानकारी के मुताबिक 10.10 बजे डीईओ राज उच्च विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति पंजी की मांग की और अनुपस्थित शिक्षकों की हाजिरी काट दी. इसी बीच अनुपस्थित दो शिक्षिकाएं और 7 शिक्षक भी पहुंच गए और उन लोगों ने विलंब से ही सही अपनी हाजिरी बना लेने का आग्रह डीईओ से किया. लेकिन, डीईओ का कहना था जब शिक्षक विलंब से आए हैं तो वे हाजिरी कैसे बना सकते हैं?

बताया जाता है कि, इसी बात को लेकर शिक्षकों के साथ डीईओ की गरमा-गरम बहस हुई और शिक्षकों ने निरीक्षण प्रतिवेदन उनके हाथ से ले लिया. डीईओ ने बताया कि अनुपस्थित शिक्षकों को जब उन्होंने हाजिरी बनाने से मना कर दिया तो उन लोगों ने उन्हें कमरे में बंद करने का प्रयास किया. हालांकि, वह किसी तरह से वहां से निकलने में कामयाब हो पाए. इसी बीच उन्होंने इसकी सूचना जिलाधिकारी के ओएसडी को दी और ओएसडी द्वारा डुमरांव एसडीओ को दी गई सूचना के आलोक में पुलिस विद्यालय पहुंची हालांकि, तब तक डीईओ विद्यालय से निकल चुके थे. डीईओ ने निदेशक को प्रेषित पत्र में भी इस आशय का जिक्र किया है कि बाद में अनुपस्थित शिक्षकों द्वारा उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया. इस दौरान 11.50 के बाद उपस्थिति बनाने में सफल नहीं होने पर वहां उपस्थित एवं विलंब से आए शिक्षकों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया. उन्होंने इसकी सूचना माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भी दी है.

पहले भी हो चुकी है डीईओ-शिक्षकों में भिड़ंत

पहले भी शिक्षकों के साथ डीईओ की भिड़ंत उनके कार्यालय में हो चुकी है, जिस मामले में डीईओ ने शिक्षकों पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई है और उन्हें निलंबित भी कर दिया है। दूसरी तरफ जानकारों का कहना है कि अगर शिक्षक विलंब से पहुंचे थे और दबाव बना रहे थे तो डीईओ को समय अंकित कर उन्हें हाजिरी बना लेने देना चाहिए था। वहीं, डीईओ का कहना था कि विलंब से हाजिरी बनाने की भी एक अवधि होती है।



















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