मनरेगा मजदूरी घोटाला: जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश ..
मामले में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा दिए गए आदेश की अवहेलना करते हुए वर्ष बीत जाने के बावजूद मामले की जांच तक नहीं की गई है. हालांकि, अब जिला पदाधिकारी इस मामले में गंभीर है तथा उन्होंने इसकी जांच कराने की बात कही है.
- वर्षों बीत जाने के बाद भी नहीं की गई है मजदूरी गबन की जांच.
- सामाजिक कार्यकर्ता ने किया था मामले का उद्भेदन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मनरेगा योजनाओं में भ्रष्टाचार की कहानी इतनी लंबी है कि, इस पर ग्रंथ लिखे जा सकते हैं. आश्चर्य तो तब होता है जब बार-बार योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत के बावजूद मामलों की जांच तक नहीं की जाती यही नहीं, न्यायालय के आदेश को भी दरकिनार कर अधिकारी अपनी ही मौज में रहते हैं. मनरेगा भ्रष्टाचार की कड़ी में जिले के सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत में अलग-अलग योजनाओं में एक ही मजदूर को कार्यरत दिखाकर हजारों रुपए बतौर मजदूरी भुगतान के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि, मामले में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा दिए गए आदेश की अवहेलना करते हुए वर्ष बीत जाने के बावजूद मामले की जांच तक नहीं की गई है. हालांकि, अब जिला पदाधिकारी इस मामले में गंभीर है तथा उन्होंने इसकी जांच कराने की बात कही है.
इस बाबत अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष 2017 में ही दिए गए अपने आवेदन में स्थानीय निवासी इम्तियाज अंसारी ने बताया है कि, काजीपुर पंचायत में वर्ष 2016-17 की योजना संख्या एक में (अलाउद्दीन अंसारी के घर से मेन रोड तक) कराए गए कार्य में फर्जीवाड़ा किया गया है. इस योजना में जो मास्टर रोल संधारित है उसमें रामलोचन गोंड़ को 22 फरवरी से 27 फरवरी 2017 तक उपस्थित दिखाकर 1338 रुपए का भुगतान किया गया है. यही मजदूर मनरेगा योजना संख्या 42 में ग्राम काजीपुर में कमाल अंसारी के घर से चौकड़िया मेन रोड तक कराए गए कार्य में भी जारी किए गए मास्टर रोल में 13 फरवरी से 26 फरवरी तक कार्यरत दिखाए गए हैं.
ऐसे में यह स्पष्ट है कि, दोनों योजनाओं में उनकी उपस्थिति दिखाकर किया गया भुगतान पूरी तरह से गलत है. उसी प्रकार 14 वां वित्त योजना के वित्तीय वर्ष वर्ष 2016-17 में योजना संख्या 1 के मास्टर रोल में आजाद अंसारी, पिता-अबुलैश अंसारी को 22 फरवरी 27 फरवरी 2017 तक उपस्थित दिखाकर 1104 रुपये का भुगतान किया गया है. इसी व्यक्ति आजाद अंसारी को मनरेगा योजना संख्या 42 वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक अन्य योजना में 22 फरवरी से 26 फरवरी तक उपस्थित दिखाकर भुगतान किया गया है. इसी तरह 14 वां वित्त योजना संख्या एक में आजाद अंसारी को मास्टर रोल संख्या तीन में आफताब आलम को मास्टर रोल संख्या तीन में उपस्थित दिखाकर प्रत्येक को 1104 रुपये का भुगतान किया गया है. जबकि, मनरेगा योजना संख्या 50/2016-17 काजीपुर में रोड से मिट्ठू सिंह के घर तक मिटटी भराई कार्य में दोनों व्यक्तियों को 6 फरवरी से 11 फरवरी तक उपस्थित दिखाकर भुगतान दिखाया गया है.
ये दोनों व्यक्ति फरवरी से 11 फरवरी के बीच दो अलग-अलग योजनाओं में भुगतान प्राप्त कर चुके हैं. जो कि पूरी तरह से गलत है तथा व्यापक धांधली को दर्शाता है. इम्तियाज अंसारी ने मास्टर रोल की छाया प्रति संलग्न करते हुए दिए अपने आवेदन में बताया है था, इस फर्जीवाड़े में शामिल पंचायत के मुखिया, पीआरएस, पंचायत सचिव तथा कनीय अभियंताओं के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए. ताकि उनके मन में भय व्याप्त हो सके. उनके आवेदन के आलोक में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे.
जिलाधिकारी ने कहा सामाजिक अंकेक्षण की टीम करेगी जांच:
मामले में जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि, इस तरह के मामलों की जांच करने के लिए सामाजिक अंकेक्षण की टीम बनाई गई है जो कि मौके पर जाकर मामले की जांच करते हुए प्राप्त सूचनाओं से उन्हें अवगत कराएंगी जिसके बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी.
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