अयोध्या फैसले को लेकर अलर्ट मोड में प्रशासन, जिले में बंद रहेंगे सभी स्कूल व कॉलेज ..
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं तथा चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है. बताया जा रहा है कि, सादे कपड़ों में पुलिस अधिकारी लोगों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि, जो स्कूल और कॉलेज नौ नवंबर को खुले पाए गए तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
- सुरक्षा के मद्देनजर जिलाधिकारी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जारी किया पत्र
- सुरक्षा को लेकर जिलेभर में किए गए हैं व्यापक इंतजाम.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ शनिवार को अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाएगी. सुबह 10.30 बजे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच फैसला सुना सकती है. बेंच ने 40 दिन तक हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश जारी किया गया. इस संदर्भ जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा के द्वारा जारी पत्र गया है कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जिले के सभी सरकारी गैर सरकारी विद्यालय महाविद्यालय विधि व्यवस्था के मद्देनजर बंद किए गए विद्यालयों में होने वाली सेंट अप की परीक्षा अगली तिथि को ली जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाए जाने वाले फैसले को लेकर किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष तैयारी कर रखी है. सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं तथा चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है. बताया जा रहा है कि, सादे कपड़ों में पुलिस अधिकारी लोगों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि, जो स्कूल और कॉलेज नौ नवंबर को खुले पाए गए तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विद्यालयों की ओर से शुक्रवार की शाम को ही अभिभावकों को छुट्टी का संदेश भेज दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में 2017 में शुरू हुई सुनवाई:
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हुई. उस समय चीफ जस्टिस थे दीपक मिश्रा. दीपक मिश्रा के बाद रंजन गोगोई चीफ जस्टिस हुए. 8 जनवरी, 2019 को रंजन गोगोई ने ये मामला पांच जजों की एक खंडपीठ के सुपुर्द किया. 8 मार्च, 2019 को अदालत ने सभी मुख्य पक्षों को आठ हफ़्ते का समय देते हुए कहा कि, वो आपसी बातचीत से मध्यस्थता की कोशिश करें. 13 मार्च को मध्यस्थता की कार्रवाई शुरू हुई. मई में कोर्ट ने इसका समय बढ़ाकर 15 अगस्त तक कर दिया. मगर मध्यस्थता की कोशिशें कामयाब नहीं हुईं. 6 अगस्त से कोर्ट ने फाइनल दलीलें सुननी शुरू कीं. 16 अक्टूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा. इस मामले पर 40 दिन तक सुनवाई चली थी. बता दें कि, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.
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