पंचकोशी यात्रा: दुर्दशा पर आँसू बहाने को मजबूर है हनुमान जी का ननिहाल ..
रात्रि विश्राम बड़का नुआंव में महर्षि उद्दालक ऋषि के आश्रम में उन्होंने ऋषि से आशीर्वाद लेने के पश्चात यहां रात्रि विश्राम किया था. अगले दिन सुबह आश्रम के समीप स्थित अंजनी सरोवर में स्नान करने के पश्चात खिचड़ी का प्रसाद खाया था. तब से आज तक इस परंपरा का निर्वहन करते हैं.
- महर्षि उद्दालक के आश्रम पहुंचा श्रद्धालुओं का जत्था.
- अतिक्रमण का शिकार है अंजनी सरोवर.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पंचकोशी परिक्रमा के चौथे दिन श्रद्धालुओं की टोली छोटका नुआंव पंचायत अंतर्गत बड़का नुआंव स्थित महर्षि उद्दालक आश्रम पर पहुंची. यहाँ अंजनी सरोवर जहाँ श्रद्धालुओं ने सर्वप्रथम सरोवर में स्नान किया तथा माता अंजनी तथा पवनसुत हनुमान की विधि-विधान से पूजा अर्चना की. ततपश्चात मेले का आनंद लिया. पंचकोशी परिक्रमा समिति के बैनर तले साधु-संतों का दल चौथे पड़ाव पहुँचा. जहाँ श्रद्दालुओं को पंचकोशी की महत्ता से अवगत कराया गया.
बदहाली पर आंसू बहा रहा है हनुमान जी का ननिहाल:
मान्यता है कि यह स्थल मारुति नंदन हनुमानजी का ननिहाल है. जिनकी स्मृति में अंजनी सरोवर के साथ-साथ माता अंजनी तथा बालक हनुमान की प्रतिमाएं यहां अवस्थित मंदिर में स्थापित हैं. पंचकोसी परिक्रमा के चौथे दिन यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि राक्षसी ताड़का वध के पश्चात श्रीराम गुरु विश्वामित्र के साथ सभी ऋषियों का आशीर्वाद लेने निकले थे. इसी क्रम में विश्वामित्र आश्रम के आसपास पांच कोस के क्षेत्र विभिन्न ऋषियों के आश्रम पर जाकर उन्होंने उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था. ताड़का वध के पश्चात राम ने किया था रात्रि विश्राम बड़का नुआंव में महर्षि उद्दालक ऋषि के आश्रम में उन्होंने ऋषि से आशीर्वाद लेने के पश्चात यहां रात्रि विश्राम किया था. अगले दिन सुबह आश्रम के समीप स्थित अंजनी सरोवर में स्नान करने के पश्चात खिचड़ी का प्रसाद खाया था. तब से आज तक इस परंपरा का निर्वहन करते हैं.
अतिक्रमण का शिकार है अंजनी सरोवर:
जिस सरोवर में स्नान कर भगवान श्रीराम ने पंचकोसी परिक्रमा की महत्ता प्रतिपादित की, आज वह अंजनी सरोवर इस कदर दूषित हो गया है कि स्नान तो दूर हाथ भी धोना नामुमकिन है. इस सरोवर में आसपास के गांवों तथा नया बाजार क्षेत्र के नालियों का गंदा पानी गिरता है. दूसरी तरफ, आश्रम की जमीन का भी अतिक्रमण कर लिया गया है. सरोवर के इर्द-गिर्द रहनेवाले ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण करने की प्रक्रिया से सरोवर का दायरा भी अब सिमट गया है.
बदहाल है बड़का नुआंव गांव पहुंचने का मार्ग:
पंचकोसी परिक्रमा का चौथा महत्वपूर्ण पड़ाव उद्दालक आश्रम पहुंचने का मार्ग भी खस्ता हाल है. कहीं पक्की तो कहीं कच्ची सड़कों के सहारे यहां पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं के लिए चुनौती से कम नहीं होती.
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