इटाढ़ी प्रखंड में मुख्यमंत्री के सपने पर पानी फेर रहे दबंग, अधिकारियों की चुप्पी से आक्रोश ..
उन्होंने बताया कि, मामले में कई बार अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी अतिक्रमण हटाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई. अगर ऐसे ही चलता रहा तो तो आने वाले समय मे पूरा आहर अतिक्रमणकारियों के कब्जे में आ जायेगा.
अपनी व्यथा सुनाते किसान राजेश सिंह |
- इटाढ़ी प्रखंड के विक्रम इंग्लिश पंचायत के गोपपुर गाँव का मामला.
- दबंगों ने किया आहर का अतिक्रमण किसानों में आक्रोश.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जहां पूरे प्रदेश में जल स्रोतों के अतिक्रमण को हटाने के लिए अल्टीमेटम जारी कर चुके हैं वहीं, दूसरी तरफ सरकार के अधिकारियों की सुस्ती से अतिक्रमण का यह खेल अब भी बदस्तूर जारी है. ऐसे ही एक मामले में सिंचाई के वरदान साबित होने वाली एक आहर पर दबंगों के अतिक्रमण से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी ना मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण अब किसानों मेंआक्रोश उपज रहा है.
मामला उसी इटाढ़ी प्रखंड का है जहाँ अपनी हरियाली यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जल संरक्षण का संदेश देंगे. इसी प्रखंड के विक्रम इंग्लिश पंचायत के गोपपुर गांव में कभी 4 एकड़ में फैले जिस आहर के पानी से किसान सैकड़ों बीघा में फैले खेतों की सिंचाई का कार्य किया करते थे. वह अब गांव के ही कुछ दबंगों के अतिक्रमण का शिकार हो गयी है. दबंगों के द्वारा आहर में मिट्टी भरवा कर अपने कच्चे मकान एवं गाय-भैंसों को पालने के लिए खटाल का निर्माण करवा लेने से किसानों को खेतों में पटवन करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. जिससे उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आहर के अतिक्रमण से 20 फीट चौड़ी आहर अब मात्र 3 फीट की हो कर रह गई है. इसके बाद भी प्रतिदिन अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है.
ग्रामीण किसान राजेश सिंह का कहना हैं कि, एक जमाना था जब चार एकड़ में फैले इस अाहर से 200 बीघे से ज्यादा के खेतों की सिंचाई करते थे. उन्होंने बताया कि, आज नहर में ससमय पानी नहींआने से एवं आहर पर अतिक्रमण करने से किसान परेशान हैं वहीं, विभागीय कार्रवाई नहीं होने के कारण अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ रहा है.
उन्होंने बताया कि, मामले में कई बार अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी अतिक्रमण हटाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई. अगर ऐसे ही चलता रहा तो तो आने वाले समय मे पूरा आहर अतिक्रमणकारियों के कब्जे में आ जायेगा. किसान राजेश सिंह के साथ ही बलवंत सिंह, विजय बहादुर सिंह, तेज बहादुर सिंह महंत सिंह, बिहारी सिंह कुशवाहा एवं गांव के अन्य किसान अधिकारियों की सुस्ती से काफी आक्रोशित हैं.
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