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बक्सर के लाल को मिली डॉक्टरेट की उपाधि

पिता अशोक कुमार प्रधान डाकघर बक्सर में ट्रेजरर के रूप में कार्यरत हैं. वहीं, माताजी गृहिणी हैं. मोहनीश ने बताया कि, उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिक्षा बक्सर में ही हुई है. बाद में उच्च शिक्षा के लिए वह अपने मामा के यहां लखनऊ चले गए जहां उन्हें इसी वर्ष नवंबर माह में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिली. 

- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से मिली उपाधि.
- माता-पिता एवं रिश्तेदारों व मित्रों को दिया सफलता का श्रेय.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कहते हैं प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती. यह बात सिद्ध कर दिखाई है बक्सर की धरती पर पैदा हुए और वर्तमान में इन्वर्टिस विश्वविद्यालय बरेली के प्रबंधन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत मोहनीश कुमार ने. मोहनीश कुमार बक्सर के रहने वाले हैं. मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले  मोहनीश के पिता अशोक कुमार प्रधान डाकघर बक्सर में ट्रेजरर के रूप में कार्यरत हैं. वहीं, माताजी गृहिणी हैं. मोहनीश ने बताया कि, उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिक्षा बक्सर में ही हुई है. बाद में उच्च शिक्षा के लिए वह अपने मामा के यहां लखनऊ चले गए जहां उन्हें इसी वर्ष नवंबर माह में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिली. 

बक्सर की धरती पर पैदा हुए मोहनीश वर्तमान में इन्वर्टिस विश्वविद्यालय, बरेली के प्रबंधन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से डॉक्टरेट की उपाधि मिली उन्होंने प्रबंधन में "मेजरीग सर्विस क्वालिटी इन मैनेजमेंट एजुकेशनः  गवर्नमेंट और प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस ऑफ उत्तर प्रदेश" विषय पर छह साल तक शोध कार्य किया. वह अपना शोध आई. ई. टी. लखनऊ के प्रोफेसर डॉ. डी. एन. कक्कड़  के निर्देशन में कर रहे थे. अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता अशोक कुमार व सुमंगली देवी तथा चाचा डाॅ राम प्रवेश एवं परिजनों और मित्रों को दिया. 

मोहनीश की इस सफलता पर उनके मामा तथा बसपा के प्रदेश महासचिव जोन कोऑर्डिनेटर सुभाष अंबेडकर भीम आर्मी के जिला उपाध्यक्ष बबलू राज तथा छोटका नुआंव पंचायत के बीडीसी प्रतिनिधि अरुण कुमार यादव ने बधाई दी है. उन्होंने बताया कि बचपन से ही प्रतिभावान मोहनीश के एक बड़े भाई और चार बहनें हैं. भाई प्राथमिक शिक्षक एवं सभी बहनें उच्च शिक्षा प्राप्त की हुई हैं. उनमें से सबसे छोटी सुप्रिया पिछले साल बिहार पुलिस में भर्ती हुई है. एक बहन बंदिनी सिविल सेवा की तैयारी कर रही है एवं एक दिव्य आकांक्षा एवं नंदनी सीटेट की तैयारी कर रही हैं.
















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