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जल-जीवन-हरियाली अभियान पर ग्रहण: डंपिंग ज़ोन का प्रस्ताव अस्वीकृत ..

चिन्हित जमीन के प्रस्ताव को विभाग द्वारा यह कह कर अस्वीकृत कर दिया गया है कि, वहां समीप में ही जलस्रोत है साथ ही डंपिंग जोन बनाए जाने से आस पास की जमीन अपनी उर्वरा शक्ति खो देगी. यही नहीं साथ वहां जनसंख्या भी काफी है ऐसे में वह स्थान उपयुक्त नहीं है.

- नहर किनारे किया जा रहा कचरे को डंप, गंगा में बह रहा कचरे का जहर.
- डंपिंग ज़ोन के आभाव में नमामि गंगे और जल जीवन हरियाली अभियान पर प्रश्नचिन्ह.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ मुख्यमंत्री जहां जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत बक्सर में इस अभियान की समीक्षा करने के लिए आ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इस अभियान को बक्सर में प्रदूषण विभाग द्वारा जोरदार झटका दिया गया है. दरअसल, नगर परिषद द्वारा शहरी कचरे के निस्तारण एवं पुनर्चक्रण के लिए कचरे को इकट्ठा करना होता है और इसके लिए डंपिंग जोन की आवश्यकता होती है. डंपिंग जोन बनाए जाने के लिए नगर परिषद द्वारा सदर प्रखंड के नदांव गांव के समीप एक स्थान चिन्हित कर उसकी जानकारी विभाग को भेजी गई थी लेकिन, विभाग द्वारा विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए वहां डंपिंग जोन बनाने से इंकार कर दिया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि, नगर परिषद किसी ऐसी जमीन को चिन्हित करें जो ना तो उपजाऊ हो और ना ही आबादी के पास. ऐसे में नगर परिषद के सामने एक बार फिर एक बड़ी समस्या आन पड़ी है.

नहरों के किनारे कचरा डंप करना मजबूरी:

डंपिंग जोन ना होने के कारण वर्तमान में नगर का कचरा बाईपास रोड से लेकर नाथ बाबा मंदिर तक नहर के किनारे डंप किया जाता है. ऐसे में यह कचरा पानी में गिर कर न सिर्फ नमामि गंगे योजना का मखौल उड़ाता नजर आता है बल्कि, मुख्यमंत्री की महत्वकाक्षी जल-जीवन-हरियाली योजना पर भी ग्रहण लगाता नजर आता है.दरअसल, मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत सभी जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त किए जाने की बात कही है लेकिन, कचरे के डंपिंग से जलस्त्रोत न सिर्फ अतिक्रमित होते जा रहे हैं बल्कि, जल प्रदूषण भी साफ तौर पर देखा जा रहा है.

नई जमीन की तलाश में नप:

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार के मुताबिक नदांव में बनने वाले डंपिंग जोन की चिन्हित जमीन के प्रस्ताव को विभाग द्वारा यह कह कर अस्वीकृत कर दिया गया है कि, वहां समीप में ही जलस्रोत है साथ ही डंपिंग जोन बनाए जाने से आस पास की जमीन अपनी उर्वरा शक्ति खो देगी. यही नहीं साथ वहां जनसंख्या भी काफी है ऐसे में वह स्थान उपयुक्त नहीं है.

कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि डंपिंग जोन बनाए जाने के लिए नई जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है उम्मीद है कि, शीघ्र ही जमीन को चिन्हित करते हुए एक बार फिर विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि, डंपिंग जोन बन जाने के बाद नहरों के किनारे फेंका गया कचरा उठाकर डंपिंग जोन में ले जाकर डंप कर दिया जाएगा.
















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