शिव और कृष्ण में नहीं है कोई अंतर : आचार्य रणधीर ओझा
अपने यज्ञ में भगवान शिव का उपहास किया. फलस्वरुप उनका यज्ञ सफल नहीं हो सका. वस्तुतः ग्रंथों के अवलोकन के पश्चात यह कहा जा सकता है कि, कृष्ण और शिव में कोई अंतर तात्विक रूप से नहीं है.
- श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आचार्य ने बताया भगवान शिव का महत्व
- कहा, बिना शिव की पूजा के नहीं सफल हो सकता है कोई भी यज्ञ
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर प्रखंड के मंझरिया गांव में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथावाचक पंडित रणधीर ओझा ने कथा कहते हुए बताया कि, श्रीमद्भागवत कृष्ण प्रधान ग्रंथ है और रामायण राम प्रधान ग्रंथ. परंतु दोनों ग्रंथों में पहले शिवचरित्र की चर्चा की गई है. भगवान शिव वैष्णव में अग्रगण्य है. साधना आप चाहे राम की करो या कृष्ण की. अथवा किसी अन्य देवता की. परंतु बिना शिव की आराधना किए भक्ति में प्रवेश नहीं हो सकता. भगवान शिव को राजा दक्ष ने अपमानित किया.
अपने यज्ञ में भगवान शिव का उपहास किया. फलस्वरुप उनका यज्ञ सफल नहीं हो सका. वस्तुतः ग्रंथों के अवलोकन के पश्चात यह कहा जा सकता है कि, कृष्ण और शिव में कोई अंतर तात्विक रूप से नहीं है. बता दें कि, मंझरिया गांव में 17 जनवरी से 23 जनवरी तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है. जिस में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.
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