बड़ी ख़बर: गिरफ्तार हो सकते हैं यह विधायक ..
व्यवहार न्यायालय के एडीजे 6 की अदालत ने इस मामले में विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इस मामले में 3 जनवरी को विधायक की ओर से अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने आरोप को संगीन मानते हुए इसे खारिज कर दिया.
- छह साल पुराने गबन का है मामला.
- विधायक ने राजनीतिक कारणों से फंसाने की कही बात.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा के विधायक शंभू नाथ यादव बुरे फंसे हैं. लगभग छह साल पहले भारतीय खाद्य निगम के पांच सौ बोरी गेहूं की कालाबाजारी के मामले में व्यवहार न्यायालय के एडीजे 6 की अदालत ने इस मामले में विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इस मामले में 3 जनवरी को विधायक की ओर से अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने आरोप को संगीन मानते हुए इसे खारिज कर दिया.
लोक अभियोजक नन्द गोपाल प्रसाद ने बताया कि, 17 नवंबर 2013 को सिमरी थाना में कांड संख्या 227/13 के तहत सूचक तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेन्द्र कुमार ने पांच को आरोपित बनाते हुए नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी. तब शंभूनाथ विधायक नहीं थे और पांच आरोपितों में उनका नाम भी नहीं था. लोक अभियोजक ने बताया कि बक्सर एफसीआई से 16 नवम्बर 2013 को लगभग सात ट्रक गेहूं आरा जिले के पीरो एफसीआई के लिए चला था, लेकिन रास्ते से ही एक ट्रक गायब हो गया. वह ट्रक सिमरी थानाक्षेत्र के रामदास राय के डेरा ओपी अंतर्गत खरहटाड़ पंचायत में एक फ्लॉवर मिल के पास से जब्त किया गया. इसमें ट्रक चालक सनोज यादव, खलासी रामसूरत चौधरी, सहायक गोदाम प्रबन्धक पीरो अरविद सिंह आदि को नामजद किया गया. बाद में अनुसंधान के दौरान पुलिस को इसमें विधायक के खिलाफ सुबूत मिले और उन्हें भी आरोपित बताया गया. इसके बाद विधायक ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी, लेकिन जज ने घटना की गम्भीरता के आधार पर अर्जी को खारिज कर दिया.
दूसरी ओर, विधायक शंभूनाथ का कहना है कि राजनीतिक कारणों से उन्हें छह साल पुराने मामले में फंसाया जा रहा है और अनुसंधान के दौरान विद्वेष के तहत में उनका नाम जोड़ा गया. विधायक ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वे न्याय के लिए ऊपरी अदालत में जाएंगे.
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