Header Ads

गड्ढे में तब्दील हुई बक्सर से डुमरांव वाया जासो-नदांव-जगदीशपुर सड़क ..

एक तो सड़क पर गड्ढे बने हुए हैं ऊपर से नालियों के पानी भर जाने से गड्ढों की वास्तविक गहराई का अंदाजा नहीं चल पाता जिससे कि, बड़ी दुर्घटनाओं के होने की प्रबल आशंका बनी रहती है. वहीं, छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो अक्सर इस सड़क पर देखने को मिलती है.

- जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों पर उदासीनता का लग रहा आरोप
- 24 किलोमीटर की दूरी तय करने में लग जाते हैं कई घंटे

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर से डुमराँव तक जाने के लिए शॉर्टकट के रूप में जाने जाने वाली सड़क जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों की उदासीनता का शिकार होकर रह गई है. सड़क की हालत ऐसी है कि, सड़क पर गड्ढे नहीं बल्कि, ऐसा प्रतीत होता है कि, गड्ढे में से सड़क निकाली गई है. सड़क की टूट-फूट की स्थिति ऐसी है कि, जिससे वाहन तो दूर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है. बताया जा रहा है कि, जासो, नदांव, जगदीशपुर कुल्हड़िया होते हुए तकरीबन 24 किलोमीटर लंबी यह सड़क सीधे डुमराँव के साफाखाना रोड में निकलती है. जानकार बताते हैं कि पहले इस सड़क से होकर जाने में अधिकतम आधे घंटे का समय लगता था. लेकिन अब यह सफर डेढ़-दो घंटे का हो गया है.

बताया जाता है कि, निर्माण के बाद से ही समय-समय पर मरम्मत, अनुरक्षण एवं देखरेख नहीं होने के कारण यह कई जगह से टूट गई है. हालात यह हो गए हैं कि, बरसात के दिनों में कौन कहे आम दिनों में भी यहां जलजमाव का नजारा साफ तौर पर देखा जाता है. बताया जा रहा है कि, यह जलजमाव घरों से निकलने वाले नालियों के पानी के कारण हैं. एक तो सड़क पर गड्ढे बने हुए हैं ऊपर से नालियों के पानी भर जाने से गड्ढों की वास्तविक गहराई का अंदाजा नहीं चल पाता जिससे कि, बड़ी दुर्घटनाओं के होने की प्रबल आशंका बनी रहती है. वहीं, छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो अक्सर इस सड़क पर देखने को मिलती है.

जनप्रतिनिधियों से अधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात:

बक्सर विधानसभा के अंतर्गत आने वाली इस सड़क के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के यहां गुहार लगाई लेकिन, हालात में अब तक कोई विशेष सुधार नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि, पिछले दिनों स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने गड्ढों में ईंट भरकर उसे दुरुस्त किए जाने का कार्य तो किया लेकिन, वह कार्य इस सड़क की दुर्दशा को दूर करने के लिए नाकाफी है.

कहते हैं स्थानीय:

इसी मार्ग पर पड़ने वाले जगदीशपुर गांव के सोनू कुमार बताते हैं कि, यह हालत पिछले कई वर्षों से हैं. सांसद-विधायक से लेकर जिले के वरीय अधिकारियों तक इस समस्या को पहुंचाया गया लेकिन, अब तक कोई समाधान नहीं मिला. पारस सिंह कहते हैं कि, आम दिनों में तो किसी तरह लोग अपना आना जाना कर लेते हैं. लेकिन बरसात के दिनों में हालत बद से बदतर हो जाती है. ऋषि कांत सिंह ने बताया कि, स्थानीय लोगों की शिकायतों के मद्देनजर स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने सड़कों पर उभर आए गड्ढों में ईंट तथा मिट्टी भरवा कर उसे पाटने का काम तो किया लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं बन सका. शिव प्रवेश सिंह ने कहा कि, सड़क की बदहाली के कारण कई रिश्तेदारों तक ने उनके यहां आना जाना कम कर दिया है. यही नहीं शादी ब्याह के मामलों में लोग अभी इस मार्ग पर पड़ने वाले गांव में रिश्तेदारी नहीं जोड़ना चाहते. नदांव गांव के मोहन जी दूबे बताते हैं कि, पंचकोशी परिक्रमा के दौरान देश-विदेश से साधु संत महात्माओं तथा श्रद्धालुओं का आना उनके गांव स्थित नारद आश्रम पर होता है. उसी वक्त प्रशासन इस मार्ग की सुध लेती है. इसके अतिरिक्त कभी इस सड़क पर किसी का ध्यान नहीं होता है. कुल्हड़िया गांव के अवधेश यादव का कहना है कि, दिन में तो किसी प्रकार लोग बच-बचाकर चल लेते हैं. लेकिन रात के समय कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. मनोहर चक के रहने वाले हीरालाल सिंह बताते हैं कि, सड़क बनने की बात संज्ञान में आई थी लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है.

कहते हैं जन प्रतिनिधि:

जगदीशपुर पंचायत के मुखिया अनिल कुमार यादव ने बताया कि, सड़क की खस्ताहाल से जिले के तमाम जनप्रतिनिधि व अधिकारी अवगत है लेकिन, अब तक इस सड़क के निर्माण में कोई पहल नहीं हुई है. पिछले दिनों लोगों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर चंदा काटकर सड़क पर रोड़े फिकवाये गए थे लेकिन, उससे भी कुछ खास राहत नहीं मिली.

कहते हैं अधिकारी:

सड़क के निर्माण के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा निविदा निकाली जा चुकी है हालांकि, प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कार्य नहीं शुरू हो सका है। इस बाबत विभाग को पत्र लिखकर पुनः मार्गदर्शन मांगा गया है।

राम कुमार पोद्दार,
कार्यपालक अभियंता,
ग्रामीण कार्य विभाग।











No comments