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हनुमान प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ के तीसरे दिन हुई मंडप पूजा ..

रामचरित मानस में दो वाटिकाओं का वर्णन है. जिसमें एक अशोक वाटिका और एक पुष्प वाटिका है. दोनों में माता जानकी पाई जाती है लेकिन, पुष्प वाटिका में मां हंस रही है और अशोक वाटिका में मां रो रही है. क्योंकि, अशोक वाटिका भोगी की है और कुछ पुष्प वाटिका योगी की.

- कथावाचक ने बताया भक्ति का स्वरूप.
- राम कथा के माध्यम से दिया सटीक उदाहरण 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सोहनी पट्टी के महिपाल पोखरा के समीप अवस्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ के तीसरे दिन आचार्य सर्वेश कुमार चतुर्वेदी एवं अनेक आचार्यों के वेद उच्चारण से पूरा इलाका भक्ति में हो गया है. हनुमान जी का मंडप पूजन के बाद अनादिवास किया गया.

मौके पर वृंदावन से पधारे राम कथा वाचक आचार्य संजय कृष्ण शास्त्री पराशर जी के द्वारा बताया गया कि, रामचरित मानस में दो वाटिकाओं का वर्णन है. जिसमें एक अशोक वाटिका और एक पुष्प वाटिका है. दोनों में माता जानकी पाई जाती है लेकिन, पुष्प वाटिका में मां हंस रही है और अशोक वाटिका में मां रो रही है. क्योंकि, अशोक वाटिका भोगी की है और कुछ पुष्प वाटिका योगी की. कथावाचक ने बताया कि, माता जानकी भक्ति हैं. भक्ति योगी के यहां हंसती हैं और भोगी के यहां रोती रहती है. 

कार्यक्रम के दौरान प्रेम यादव, दिलीप कुमार सिन्हा उर्फ गुरु लाल, राजेश यादव, राम जी गुप्ता, रामप्रवेश यादव, पप्पू पांडेय, राजेंद्र उर्फ गुरुदेव, रामदेव पाल, सतीश कुमार, अवकाश उपाध्याय समेत स्थानीय निवासी उपस्थित रहे.















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