पोस्टमार्टम सहायक जमुना राम का निधन, चिकित्सकों ने जताया शोक ..
जमुना राम का अनुभव इतना था कि, वह तुरंत ही बता देते थे कि, गोली शरीर के किस हिस्से में फंसी है और उसे तुरंत ढूंढ कर निकाल लेना भी जमुना के बाएं हाथ का खेल था.
- 3000 से ज्यादा शवों को चीर-फाड़ चुके थे जमुना
- 20 वर्षों से थे पोस्टमार्टम हाउस में बतौर सहायक कार्यरत
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पोस्टमार्टम हाउस में बतौर सहायक काम करने वाले जमुना राम का सोमवार की देर रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया. परिजनों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, सोमवार की रात उनकी अचानक से तबीयत बिगड़ी और वह दुनिया को अलविदा कह चल बसे.
जमुना राम की मौत के बाद सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. के.के. राय समेत अस्पताल के चिकित्सकों ने भी गहरा दुख जताया है. मृतात्मा की शांति के लिए अस्पताल परिसर में 2 मिनट का मौन भी रखा गया. जमुना राम को याद करते हुए चिकित्सक डॉ.अनिल कुमार सिंह ने बताया कि, बतौर सहायक जमुना चिकित्सकों की काफी मदद करते थे. सड़ी-गली लाश को भी छूने तथा उनका चीड़-फाड़ करने में उन्हें जरा भी हिचक नहीं होती थी. 20 वर्षों में 3000 से ज्यादा लाशों को चीर-फाड़ चुके जमुना राम का अनुभव इतना था कि, वह तुरंत ही बता देते थे कि, गोली शरीर के किस हिस्से में फंसी है और उसे तुरंत ढूंढ कर निकाल लेना भी जमुना के बाएं हाथ का खेल था. पोस्टमार्टम इंचार्ज महावीर पंडित ने बताया कि, जमुना राम की मौत से एक कर्तव्यनिष्ठ कर्मी की अस्पताल को कमी हो गई है.
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