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Buxar Top News: बुद्धिजीवी वर्ग की चुप्पी से दूसरा सरबजीत ना बन जाए कुलभूषण जाधव - रवि सिन्हा |



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "आज हमारे देश और लोकतंत्र के लिए बहुत ही शर्म और दुर्भाग्य की बात है कि हम बार- बार अपने पडोसी गद्दार देश पाकिस्तान से एक आदर्श सम्बन्ध स्थापित करने की बात करते हैं और वह अपनी नापाक करतूतों से बाज नहीं आ रहा है आज वह समय आ गया है कि हम सभी को संगठित होकर उसके नापाक करतूतों का करारा जबाब दिया जाए |" ये बातें जन अधिकार पार्टी (लो.) युवा सदस्य रवि सिन्हा ने कहीं |
उन्होंने कहा कि हमारे निर्दोष भारतीय कुलभूषण जाधव को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट बताकर फाँसी की सजा सुना दी गई और हम हाथ पर हाथ रखकर प्रिंट मीडिया और टीवी चैनेल्स के माध्यम से डिबेट सुन रहे हैं। हमारे कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान में भारत के ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के लिए काम करने का आरोप लगा है जब कि इस बात का खंडन भारत सरकार बार-बार करती आ रही है इसके बावजूद भी बिना कोई ठोस साक्ष्य के एक फर्जी और संदिग्ध टेप के आधार पर फाँसी की सजा सुना दी गई जो कि हमारे भारतीय लोकतंत्र के लिए अभिशाप के सामान है। दरसल  कुलभूषण जाधव एक कार्गो कंपनी चलता था और उसी के सिलसिले में ईरान व्यापर के लिए गया था जहाँ से उसे अगवा कर लिया गया और बलूचिस्तान से झूठी गिरफ़्तारी दिखाकर उसे जासूसी के आरोप में बिना किसी साक्ष्य के जेल में डाल दिया गया। पाकिस्तान के इस नापाक करतूत का चौतरफा निंदा पुरे विश्व, भारत और मीडिया में हो रही है। जब कि कुलभूषण जाधव पर किसी तरह का हिंसा,हत्या या कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है फिर किस आधार पर पाकिस्तान में फाँसी की सजा सुना दी गई है ???
मैं 1993 मुम्बई बम धमाकों के आरोपी याकूब मेनन के फाँसी की सजा के लिए बचाव करने वाले हमारे बुद्धिजीवी लोग बीजेपी नेता शत्रुधन सिन्हा, स्वामी अग्निवेश, कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी, प्रशांत भूषण, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और निर्देशक महेश भट्ट जो राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी के पास फाँसी की सजा माफ़ करने गए थे आज आप लोग कहाँ सो गए और फ्रंट पर क्यों नहीं आते ??
उन्होंने कहा कि शर्म आनी चाहिए आप जैसे सुप्रसिद्ध लोगो को जो हाथ पर हाथ रखकर सरबजीत की तरह टीवी न्यूज और मीडिया के माध्यम से कुलभूषण जाधव के मौत का इंतज़ार कर रहे है। धिक्कार है आप लोगो को ऊँचे पद पर आसीन देखकर शर्म सी आती है.....
हमारे कुलभूषण जाधव दूसरा सरबजीत ना बनें, हम सभी संगठन, क्षेत्रीय पार्टिया, भारत सरकार के साथ साथ यूनाइटेड नेशन को भी इस पर कठोर और कारगर कदम उठाने की जरुरत है......

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