Buxar Top News: सामाजिक दायित्वों को भूले लोग तो हरक़त में आया प्रशासन, बाल विवाह के आरोपी दूल्हा समेत चार गिरफ़्तार, बाल विवाह अधिनियम समेत पास्को एक्ट में भी की जाएगी कारवाई !
सरकार चाहे लाख प्रयत्न करें लेकिन जब तक जन सहयोग नहीं मिल पाएगा, इस तरह की कुरीति जड़ से नहीं मिटाया जा सकता.
- नगर थाना क्षेत्र के रामरेखा घाट विवाह मंडप पर हुआ था बाल-विवाह.
- सामाजिक दायित्वों को भूल गए हैं लोग.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार सरकार जहां बाल विवाह एवं दहेज विरोधी अभियान चलाकर समाज को एक नई दिशा देने की कोशिश कर रही है, वहीं कुछ लोग अभी भी सरकार की इस बेहतरीन कोशिश पर पानी फेरने पर आमदा है. हालांकि सरकार ऐसे लोगों को बख्शने के मूड में नहीं है.
नगर के रामरेखा घाट विवाह मंडप में हुए बाल विवाह मामले में पुलिस ने 21 वर्षीय दूल्हे समेत 4 लोगों को हिरासत में लेकर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मामले में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान आरक्षी अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच करनी शुरू कर दी.
ज्ञात हो कि पूरे प्रदेश में जहां एक और बाल विवाह एवं दहेज के विरुद्ध एकजुट हो लोगों ने मानव श्रृंखला का निर्माण किया. वही, श्रृंखला निर्माण के अगले ही दिन 22 जनवरी को नगर के रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप में एक गरीब की मासूम बेटी किशोरावस्था में ही विवाह के बंधन में बांधी गई.
पुलिस द्वारा मामले में गिरफ्तार हुए लड़की के मामा तथा उसके पिता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस लड़की का वह विवाह कर रहे हैं वही विवाह उनके लिए जेल जाने का मार्ग बनेगा . हालांकि, इस मामले में अगुआ की भूमिका निभाने वाले इटाढ़ी के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद सिंह, पिता- स्वर्गीय राम अवतार सिंह पुलिस की पकड़ से बाहर है.
मामले में एक बात जो खुलकर सामने आई वह यह है कि भले ही सरकार बाल विवाह के विरुद्ध मुहिम चला रही हो लेकिन आम लोगों का जुड़ाव इसमें नहीं हो पा रहा है. जहां एक और अपनी आर्थिक मजबूरियां दिखाकर लड़की के परिजनों ने उसकी शादी कम उम्र में कर दी वहीं दूसरी तरफ सामाजिक स्तर पर भी लोगों की संवेदनहीनता का आलम यह रहा कि तकरीबन 4 घंटे तक चले इस बाल-विवाह को किसी भी व्यक्ति ने रोकने की कोशिश नहीं की. इस मामले के सामने आने के बाद यह बात भी साफ तौर पर जाहिर हो रही है कि सरकार चाहे लाख प्रयत्न करें लेकिन जब तक जन सहयोग नहीं मिल पाएगा, इस तरह की कुरीति जड़ से नहीं मिटाया जा सकता. आज के परिपेक्ष्य में यह जरूरत है कि लोग सरकार की दहेज एवं बाल विरोधी मुहिम में न सिर्फ अपना योगदान दें. बल्कि समाज में कहीं भी हो रही इस प्रकार की शादियों का विरोध अवश्य करें तभी जाकर मुख्यमंत्री के द्वारा चलाए जा रहे अभियान की सार्थकता सिद्ध हो सकती है.
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