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Buxar Top News.. "स्मृति संदर्भ" : फिर याद आए विवेक, मीडिया पर सत्ता के दबाव से आहत दिखे लोग !



आज हिटलर की स्थिति आ गई है. मीडिया ने हमारे विवेक का अपहरण कर लिया है. क्या सही क्या गलत अब बता नहीं सकते हैं. 

- यशस्वी पत्रकार विवेक कुमार सिन्हा की पुण्यतिथि पर किया गया नमन.
- विचार गोष्ठी, कविता प्रतियोगिता एवं कविता पाठ का भी हुआ आयोजन. 


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पत्रकारिता को वैचारिक आयाम और जनपक्षीय दिशा देने वाले पत्रकार विवेक कुमार सिन्हा की छठवीं पुण्यतिथि के अवसर पर विवेक सिन्हा स्मृति संस्थान बक्सर के द्वारा "स्मृति संदर्भ" कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान  "जनमत एवं मीडिया" विषय पर एक विचार गोष्ठी तथा कविता प्रतियोगिता यह कविता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में डीजी गुप्तेश्वर पांडेय, प्रोफेसर अखिलेश कुमार राय, तथा गजेंद्र देव शर्मा मौजूद रहें.

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथियों समेत बक्सर के गणमान्य व्यक्तियों ने पत्रकार स्वर्गीय विवेक कुमार सिन्हा के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया.

 कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए इतिहासकार एवं लेखक-विचारक दीपक राय ने कहा कि मीडिया का कार्य है सदैव सत्ता का विपक्ष एवं जनता का पक्ष दिखाना. सत्ता का विपक्ष हो ना हो लेकिन जनता का पक्ष तो दिखाना ही पड़ता है. लेकिन आज के परिवेश में मीडिया सत्ता के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है.एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के एक गांव में लोग मंदिर में अखबारों की पूजा करते हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है की यही एक शक्ति है जो समाज में परिवर्तन ला सकती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पाठक को भी जागना होगा तथा उसे सही और गलत में अंतर समझना होगा.

कार्यक्रम में बोलते हुए गजलगो कुमार नयन ने कहा कि मीडिया पर जनमत का भी दबाव पड़ता है. इसलिए मीडिया को जनमत का भी ख्याल रखते हुए अपनी खबरों को परोसना पड़ता है. सभा में मौजूद युवाओं को उन्होंने सीख देते हुए कहा कि आज के जमाने का हर युवा कुछ लिखना पढ़ना चाहता है. लेकिन लिखने पढ़ने के लिए, अथवा कवि और लेखक बनने के लिए भाषा एवं व्याकरण का शुद्ध होना अति आवश्यक है. इसका ख्याल हर युवा को रखना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि लेखन की यह शर्त है और अपनी ललक को पूरा करने के लिए  मेहनत भी करनी पड़ती है.

 कार्यक्रम में आगे बोलते हुए मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद गजेंद्र देव शर्मा ने कहा कि मीडिया की पहुंच बहुत अधिक है लेकिन मीडिया पर दबाव भी अधिक है. आज हिटलर की स्थिति आ गई है. मीडिया ने हमारे विवेक का अपहरण कर लिया है. क्या सही क्या गलत अब बता नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि बीते दिनों बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती इस तरह मनाई जा रही थी, जैसे उनके अतिरिक्त संविधान निर्माण में किसी का योगदान ही नहीं है. उन्होंने कहा कि बाबा साहब का योगदान कम नहीं आंका जा सकता, लेकिन अन्य लोगों को अनदेखा भी नहीं किया जा सकता. उन्होंने सही सूचना आलोचनात्मक दृष्टिकोण एवं आम जनता की आवाज बनने की जरूरत मीडिया से जाहिर की.

मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद डीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि व्यवस्था के प्रति आक्रोश का मतलब यह नहीं कि लोकतंत्र मर गया है. हां, यह हुआ है कि छोटे पत्रकार मर गए हैं, अथवा उन पर पूंजी का दबाव बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि मीडिया, पॉलिटिक्स, पुलिस एक समूह है और यह समूह शोषण देखकर क्रांति की ओर अग्रसर होता रहता है. उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में किसी भी व्यक्ति का जो रुप बाहर से दिख रहा है, असल में वह अंदर से नहीं है. हालांकि, उन्होंने हर क्षेत्र में सुधार लाने के दृष्टिकोण से मन पर नियंत्रण रखने की बात कही. उन्होंने कहा कि आपकी बुद्धि के अनुसार आपका कार्य होता है. इसलिए मन को रजोगुण, तमोगुण से दूर रखते हुए सतोगुण की ओर अग्रसर करें. तभी जाकर कल्याण संभव है. उन्होंने कहा कि आज के दौर में पैसा महत्वपूर्ण है लेकिन पैसा सब कुछ नहीं यह बात अगर आपके मन में आ जाए तो बेईमानी खुद-ब-खुद रुक जाएगी. उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि मूल्यों से समझौता जीवन में कभी नहीं करना चाहिए और जब देश को सर्वोपरि रखकर काम किया जाएगा तभी अपना देश बचेगा. उन्होंने बाजारवाद की संस्कृति से भी बचने की बात कही.

 कार्यक्रम का सफल संचालन विवेक कुमार सिन्हा स्मृति संस्थान के विमल कुमार सिंह ने किया वही धन्यवाद ज्ञापन विमल कुमार सिन्हा ने किया. कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोगों में अधिवक्ता एवं समाजसेवी रामेश्वर प्रसाद वर्मा डॉ शशांक शेखर, सिद्धेश्वरानंद बक्सरी, नंद कुमार तिवारी, अविनाश उपाध्याय, अशोक उपाध्याय, प्रमोद चौबे, नीरज श्रीवास्तव, पंकज भारद्वाज  उमेश कुमार, डॉ. रमेश राय, अजय कुमार मिश्रा, गणेश उपाध्याय, कमल बिहारी मिश्रा, शुभ नारायण पाठक, चंद्रकांत निराला, आशुतोष कुमार सिंह, गिरीश कुमार द्विवेदी, विमल कुमार यादव, माईकल पांडेय, रामजी सिंह आलोक कुमार, समेत बक्सर के कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे.

कार्यक्रम में पुरस्कृत किए गए युवा:

 कार्यक्रम में बीते दिन हुए प्रतियोगी परीक्षा में सफल छात्रों को पुरस्कृत किया गया पुरस्कृत छात्रों में रमजान सिंह अक्षय कुमार, राहुल कुमार, स्वतंत्र प्रकाश, अजीत कुमार, कमलेश कुमार नंदकिशोर गुप्ता, राहुल तिवारी, प्रियांशु कुमारी,सुगंधा सिंह तथा कविता प्रतियोगिता में आनंद त्रिपाठी, लक्ष्मी, विवेक कुमार सिंह, शशि भूषण, धीरज पांडेय, "प्रतीक", कौशल कौशिक, लवली एवं लक्ष्मी गौतम को पुरस्कृत किया गया. इन्हें मुख्य अतिथियों के हाथों से शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.















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