Buxar Top News: अब ब्रेथ एनालाइजर नहीं बल्कि मुँहसुंघवा तकनीक से होती है शराब पीने की पुष्टि !
सामान्यतः की जाने वाली प्रक्रिया में ब्रेथ एनालाइजर के प्रयोग से यह पता लगाया जाता है. कि व्यक्ति की सांसो में अल्कोहल की मात्रा है.
- सदर अस्पताल में तकरीबन 1 हफ्ते से खराब था एकमात्र ब्रेथ एनालाइजर.
- मीडिया तक पहुंची खबर आनन-फानन में चौसा पीएचसी से मंगाया गया दूसरा ब्रेथ एनालाइजर.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शराबबंदी लागू होने के बाद इस कठोर कानून का अनुपालन कराने में पुलिस कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है. आए दिन पुलिस शराबियों को पकड़कर मेडिकल जांच कराने के बाद जेल भेज दे रही है. मेडिकल जांच करने की प्रक्रिया दरअसल दो तरीके से होती है. पहली और सामान्यतः की जाने वाली प्रक्रिया में ब्रेथ एनालाइजर के प्रयोग से यह पता लगाया जाता है. कि व्यक्ति के सांसो में अल्कोहल की मात्रा है, अथवा नहीं. इसी आधार पर यह तय किया जाता है कि व्यक्ति ने शराब पिया है अथवा नहीं. जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करती है. हालांकि, किसी बड़े अधिकारी या राजनेता अथवा किसी संदेहास्पद मामले में पुलिस ब्रेथ एनालाइजर के अलावे रक्त जांच के द्वारा भी शरीर में मौजूद अल्कोहल की मात्रा का पता लगाकर शराब पीने जाने की पुष्टि और पुख्ता तरीके से कर लेती है. हालांकि, रक्त जांच करने की कोई व्यवस्था बक्सर सदर अस्पताल में मौजूद नहीं है. रक्त के नमूने को एकत्रित कर पटना भेजा जाता है. जहां से रिपोर्ट आने के बाद उसको आगे की कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया जाता है.
इसी दरमियान तकरीबन एक सप्ताह पूर्व से सदर अस्पताल में मौजूद ब्रेथ एनालाइजर में कुछ तकनीकी खराबी आ गई जिससे वह ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा था. अस्पताल सूत्रों की माने तो इसी बीच विभिन्न जगहों से पकड़े गए शराबी को लेकर पहुंची पुलिस ने शराबियों को अस्पताल के कर्मियों के हवाले किया और जब ब्रेथ एनालाइजर का प्रयोग कर यह पता लगाने की कोशिश की के पकड़े गए व्यक्ति ने शराब पी है, अथवा नहीं? तो ब्रेथ एनालाइजर एक ही व्यक्ति की हर बार अलग-अलग रिपोर्ट दे रहा था. पुलिसकर्मियों को मशीन खराब होने का संदेह हुआ तो उन्होंने पारंपरिक तरीका अपनाते हुए पकड़े गए शराबी का मुंह सूंघ कर यह पता लगा लिया कि उसने शराब पी है, तथा इसी पुष्टि को आधार बनाते हुए उन्होंने आरोपी शराबी को जेल भेज दिया. यह सिलसिला दो-तीन दिनों तक चला. ब्रेथ एनालाइजर खराब होने की बात जब सदर अस्पताल से निकलकर मीडिया के पास पहुंची और मीडिया ने जब इसकी जांच पड़ताल शुरू की तो अस्पताल प्रबंधन के कान खड़े हो गए. आनन-फानन में चौसा पीएचसी से दूसरा ब्रेथ एनालाइजर मंगाया गया और उस से जांच शुरू कर दी गई. हालांकि इस दौरान पुलिस के मुंहसुंघवा तकनीक के द्वारा जेल गए लोगों के मन में कहीं ना कहीं यह मलाल रह गया कि जेल तो गए लेकिन पुख्ता रिपोर्ट के साथ नहीं.
कहते हैं सिविल सर्जन:
ब्रेथ एनालाइजर खराब होने की जानकारी मिलते ही चौसा पीएचसी से नया ब्रेथ एनालाइजर मंगा लिया गया तथा उसी के माध्यम से पकड़े गए लोगों की जांच की जा रही है.
डॉ.डीएन ठाकुर
सिविल सर्जन
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