Buxar Top News: चलंत लोक अदालत में बिना किसी फीस के निपटाए गए कई मामले ..
जिला मुख्यालय में नियमित अंतराल पर राष्ट्रीय लोक अदालत का भी आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि चलंत लोक अदालत में छोटे-छोटे मामलों का निपटारा आपसी सामंजस्य के द्वारा किया जाता है. इस अदालत में आपको किसी भी प्रकार की फीस नहीं लगती है.
मंचासीन अधिकारी |
- दाखिल खारिज से जुड़े मामलों की रही अधिकता.
- न्यायालय पर बढ़ते बोझ तथा लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के किया गया था आयोजन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के स्थानीय कला भवन में में एक दिवसीय चलंत लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें अधिवक्ता, वादी, सामाजिक कार्यकर्ता सहित आम लोगों ने भाग लिया. बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तहत पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश विनय कुमार श्रीवास्तव न्यायिक सदस्य अधिवक्ता अरुण कुमार उपाध्याय तथा सामाजिक कार्यकर्ता रामाधार सिंह शिविर में उपस्थित थे. चलंत लोक अदालत की जानकारी देते हुए न्यायाधीश सह चलंत लोक अदालत के अध्यक्ष विनय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि लोगों को न्याय देरी से मिलने के कारण को देखते हुए ही अदालत को चलंत अदालत के रूप में आम जनमानस तक पहुंचाया गया है.उन्होंने कहा कि न्याय देरी से मिलना न्याय नहीं मिलने के बराबर है.उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय में नियमित अंतराल पर राष्ट्रीय लोक अदालत का भी आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि चलंत लोक अदालत में छोटे-छोटे मामलों का निपटारा आपसी सामंजस्य के द्वारा किया जाता है. इस अदालत में आपको किसी भी प्रकार की फीस नहीं लगती है. लोक अदालत प्रारंभ के पूर्व अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने अध्यक्ष एवं उनके साथ आये लोगों का स्वागत किया. उन्होंने भी लोगों से लोक अदालत का लाभ उठाने की अपील की। अधिवक्ता अरुण कुमार उपाध्याय ने लोक अदालत के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1976 में संविधान का 42वां संशोधन हुआ था. उसी के अनुच्छेद 39 (ग) में प्रावधान किया गया कि भारत का कोई भी नागरिक न्याय से वंचित न रहे. कोर्ट में दिनानुदिन केसों की संख्या बढ़ती जा रही है. न्याय मिलने में विलंब होने से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है. लोगों को न्याय मिलने में 10 से 20 वर्ष लग जाते हैं। इसलिए लोक अदालत का गठन किया गया. उन्होंने बताया कि लोक अदालत में जो फैसला हो जाता है उसकी अपील कहीं नहीं की जा सकती है. लोक अदालत में सिविल, आपराधिक मामले (संगीन मुकदमा नहीं),पारिवारिक मुकदमा तथा सड़क दुर्घटना से जुड़ा मामला को देखा जाता है. आज के लोक अदालत में दाखिल खारिज के कई मामले आए हुए थे जिनमें बक्सर अंचल के 153, चौसा के 14, राजपुर अंचल के 26 एवं इटाढ़ी अंचल के 20 मामले निपटाए गए. वहीं, दूसरी तरफ दूरसंचार की कंपनी BSNL से संबंधित 6 मामलों का निपटान लोक अदालत में किया गया.
उन्होंने बताया कि चलंत लोक अदालत के आगामी शिविर बुधवार को डुमराव बीआरसी भवन तथा गुरुवार को ब्रह्मपुर बीआरसी भवन में लगाए जाएंगे. उन्होंने लोगों से त्वरित एवं निशुल्क न्याय पाने के लिए इन लोक अदालतों में सहभागिता की बात कही.
आज के लोक अदालत में आशुलिपिक सुमित कुमार, अनुसेवक मनोज कुमार, पारा विधिक स्वयं सेवक प्रभाकर मिश्रा समेत अन्य लोगों की सराहनीय भूमिका रही.
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