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Buxar Top News: झमन पांडेय हत्याकांड में न्यायालय ने दोषियों को दिया बड़ा झटका, हत्या के मामले में आरोपियों पर हुआ दोषसिद्ध ..



न्यायालय ने हत्या आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में आरोपियों को दोषी पाया है. हालांकि मामले में दोषी सिद्ध होने के पश्चात न्यायालय में सजा की घोषणा 23 अगस्त को किए जाने की बा 
स्व. झमन पांडेय (फ़ाइल इमेज)


- पैक्स अध्यक्ष झमन पांडे के हत्याकांड से जुड़ा है मामला.
- राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में भाई ने करा दी थी भाई की हत्या.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वीतीय के न्यायालय में चल रहे पैक्स अध्यक्ष झमन पांडेय हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला आया है. शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जे.एस. श्रीवास्तव के द्वारा चारों आरोपियों शिवजी पांडेय, प्रकाश रंजन मिश्रा उर्फ छोटू मिश्रा, घनश्याम पांडेय तथा शेखर सुमन पांडेय को दोषी करार दिया गया. न्यायालय ने हत्या आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में आरोपियों को दोषी पाया है. हालांकि मामले में दोषी सिद्ध होने के पश्चात न्यायालय में सजा की घोषणा 23 अगस्त को किए जाने की बात कही है. न्यायिक सूत्रों के मुताबिक सभी साक्ष्य भी पैक्स अध्यक्ष हत्याकांड में आरोपियों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहे हैं.


राजनीतिक प्रतिद्वंदिता ने भाई को बना दिया भाई का कातिल:

पैक्स अध्यक्ष झमन पांडेय की हत्या के मूल कारणों पर गौर करने के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की बात सामने आती है. पंचायत चुनाव के कुछ समय पूर्व ही उनकी हत्या हो गई थी. बताया जाता है कि अपने हंसमुख और मिलनसार स्वभाव को लेकर झमन काफ़ी लोकप्रिय और हरदिल अजीज हो गए थे. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह दोबारा पैक्स अध्यक्ष चुने गए थे. पंचायत चुनाव पर इस लोकप्रियता का स्पष्ट असर दिखता. इसी कारण कहीं ना कहीं उनके चचेरे भाई शिवजी पांडेय के भीतर द्वेष और राजनीतिक असुरक्षा का भाव भर रहा था जिसकी परिणति उनकी हत्या के रूप में सामने आई.


गांव के समीप कर दी गई थी पैक्स अध्यक्ष की हत्या:

पैक्स अध्यक्ष झमन पांडेय की की हत्या 4 जनवरी 2016 को उस समय कर दी गई थी जब वह अपने गांव चुरामनपुर लौट रहे थे. इसी दौरान गांव के बाजार में स्थित पान के दुकान पर पान खाने के लिए रुके तभी अपराधियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी.पैक्स अध्यक्ष झमन पांडेय की हत्या के मामले में मृतक के छोटे भाई धनजी पांडेय द्वारा औद्योगिक थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही सभी आरोपी फरार हो गए थे बाद में पुलिस की बढ़ती दबिश को देखते हुए आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया.

















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