Buxar Top News: बड़ी ख़बर: DM के फर्जी हस्ताक्षर से सवा करोड़ रुपए के अवैध मामले में पंकज को 10 साल की सजा, लाखों रुपए का अर्थदंड ..
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत वर्ष 2016 में दर्ज मुकदमे का फैसला मंगलवार को आया. निगरानी कोर्ट के न्यायाधीश मधुकर सिंह ने साक्ष्य आधार पर आरोपित पंकज कुमार सिंह को यह सजा सुनाई है.
न्यायालय के आदेश पर जेल जाता आरोपी पंकज कुमार सिंह |
- निगरानी अदालत के द्वारा सुनाया गया.
- वर्ष 2016 में सामने आया था फर्जी हस्ताक्षर से अवैध निकासी का मामला.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: समाहरणालय में तैनात लिपिक सह नाजिर पंकज कुमार सिंह के द्वारा तत्कालीन जिलाधिकारी रमण कुमार के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर 1 करोड़ 15 लाख 74 हज़ार 574 रुपये की अवैध निकासी के मामले में आरोपित नाजिर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत निगरानी की अदालत ने अधिकतम 10 वर्ष की सजा के साथ 2 लाख 75 हज़ार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई है. निगरानी कोर्ट के लोक अभियोजक आनंदी सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत वर्ष 2016 में दर्ज मुकदमे का फैसला मंगलवार को आया. निगरानी कोर्ट के न्यायाधीश मधुकर सिंह ने साक्ष्य आधार पर आरोपित पंकज कुमार सिंह को यह सजा सुनाई है.
गौरतलब हो कि सहायक नाजिर पंकज कुमार सिंह ने तत्कालीन जिलाधिकारी रमण कुमार के फर्जी हस्ताक्षर पर पुल निर्माण विभाग के खाते से तकरीबन सवा करोड़ रुपए की निकासी कर ली थी। वर्ष 2016 के मई माह में यह घोटाला तब पकड़ में आया जब आरोपित पंकज पंजाब नेशनल बैंक में जिलाधिकारी व नजारत उपसमाहर्ता के फर्जी हस्ताक्षर पर 18.63 लाख रूपय की फर्जी निकासी करने पहुंचा था. बैंक द्वारा जब इसकी क्रॉस चेकिंग कराई गई तो पता चला कि जिलाधिकारी को नजारत उपसमाहर्ता का हस्ताक्षर फर्जी हैं. उसके बाद प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई और उससे जुड़ी फाइलें खंगाले जाने लगी. नगर थाने में सहायक नाज़िर समेत पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक रवींद्र कुमार राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. मामले के प्रकाश में आने के बाद सहायक नाजिर फरार हो गया था. हालांकि, बाद में पुलिसिया दबाव के आगे घुटने टेकते हुए उसने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.
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