Buxar Top News: पीडीएस दुकानदारों की चयन प्रक्रिया में बड़े घोटाले के संकेत, लाखों रुपये का हुआ है लेन-देन ..
जिले के सदर समेत डुमरांव अनुमंडल में हुए पीडीएस दुकानदारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है. इसकी फाइनल लिस्ट अभी जारी नहीं हुई है. हालांकि, रिक्ति के अनुसार जो पहली लिस्ट जारी हुई है उस पर सवाल उठने लगे हैं.
- एक ही परिवार में दो-दो दुकानों के लिए दिया गया है आवेदन
- लाखों रुपए के लेन देन की भी सामने आ रही बात.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत रिक्ति के अनुसार जिले के सदर समेत डुमरांव अनुमंडल में हुए पीडीएस दुकानदारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है. इसकी फाइनल लिस्ट अभी जारी नहीं हुई है. हालांकि, रिक्ति के अनुसार जो पहली लिस्ट जारी हुई है उस पर सवाल उठने लगे हैं. वैसे जिला आपूर्ति विभाग ने उसे संज्ञान में लिया है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी शिशिर कुमार मिश्रा ने बताया कि निर्धारित रिक्ति में से करीब आधे उम्मीदवार छंट रहे हैं. उन्होंने बताया कि डुमरांव में 97 में 47 तथा बक्सर में 95 में 48 उम्मीदवारों का चयन होगा. शेष के नाम छट रहे हैं. डीएसओ ने बताया कि पीडीएस कंट्रोल आर्डर 2016 के तहत तथा अनुमंडल कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के आधार पर नए जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों का चयन किया जा रहा है. अधिकारी ने बताया कि सभी के कागजातों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि कंप्यूटर का टेस्ट भी सभी का लिया जाएगा. टेस्ट में फेल करने वालों का चयन नहीं होगा. अधिकारी ने बताया कि इन्हीं वजह से डुमरांव में 97 रिक्ति के विरुद्ध 47 तथा बक्सर में 95 रिक्ति के खिलाफ 48 का चयन किया जा रहा है.
अधिकारी ने बताया कि चयन की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है. दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो पहले 97 एवं 95 रिक्ति के विरुद्ध दोनों अनुमंडलों में वैसे लोगों के नाम भी शामिल हैं, जिनके घर में पहले से जन वितरण की दुकान है. मसलन, अमरनाथ गुप्ता नदांव के नाम से पहले से पीडीएस दुकान होने के बावजूद उनके भतीजा शिव प्रसाद साह, कमरपुर के महेन्द्र राय के पास पीडीएस दुकान रहने के बावजूद उनके पुत्र की पत्नी का नाम, बोक्सा के संत विलास सिंह के पुत्र रामजी साह की पत्नी का नाम, राजपुर तियरा के वीरेन्द्र सिंह के भाई सुभाष सिंह, हुकहां के पीडीएस दुकानदार धर्मेन्द्र सिंह के भाई रघुवंश सिंह का नाम शामिल है. इस संबंध में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया कि एक परिवार में दूसरी पीडीएस की दुकान नहीं रह सकती. उन्होंने बताया कि ऐसे गलत लोगों के नाम को छांटा जा रहा है. उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथि पर कंप्यूटर टेस्ट में शामिल नहीं होने वाले 30 लोगों का भी कंप्यूटर टेस्ट लिया जाएगा. उधर, चौसा के डिहरी के रमेश राम ने भी अंकित कुमार द्वारा इसमें फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र के आधार पर पीडीएस दुकान आवंटित कराने का आरोप लगाया है. दुकानदारों के चयन के लिए लाखों रुपए के लेन देन की बात भी सामने आ रही है.
विश्वस्त सूत्रों की माने तो एक बड़े अधिकारी को पहले ही प्रति दुकान दो लाख रुपये पहुंचा दिए गए हैं, जिसके बाद एक ही घर से 2 आवेदनों के स्वीकृति की बात सुनिश्चित कर दी गई है.
दूसरी तरफ जिला आपूर्ति पदाधिकारी शिशिर कुमार मिश्रा ने यह स्पष्ट किया कि पैसों के लेन-देन की बात पूरी तरह से भ्रामक एवं तथ्यहीन है. इस तरह की बात अगर सामने आती है तो दोषी व्यक्ति पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी.
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