Buxar Top News: गंगा का जलस्तर दिला रहा 2016 की याद, अलर्ट मोड में जिला प्रशासन, जारी किए गए सहायता एवं सूचना के नंबर .
किसी भी तरह की सहायता या जानकारी देने के लिए प्रभावित लोग उनके नंबरों पर संपर्क कर जानकारियों का आदान प्रदान कर सकते हैं.
- नजदीकी अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों से ले सकते हैं सहायता, दे सकते हैं सूचनाये.
24 घंटे कार्य करेगा नियंत्रण कक्ष.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गुरुवार को गंगा में इस वर्ष का उच्चतम स्तर पार कर लिया सुबह आठ बजे 59.59 मीटर के स्तर पर था. बुधवार को बक्सर में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर गया था. जलस्तर में तेजी से वृद्धि जारी देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सभी अंचलाधिकारियों की आपात बैठक बुलाई गई. सारे अधिकारियों को अलर्ट कर जहां कहीं भी राहत की जरूरत वहां चिह्नित करने का निर्देश दे दिया गया है. गंगा घाटों पर बैरिकेटिंग करने का निर्देश देते हुए लोगों को गंगा स्नान करने से मना किया जा रहा है.
इलाहाबाद तथा वाराणसी में स्थिर है जलस्तर:
कई दिनों से जलस्तर में हो रही तेजी से वृद्धि के बीच बक्सर में गंगा चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर को पार कर गया. इस दौरान गंगा की धारा में काफी तेजी महसूस की जा रही है. इस संबंध में केंद्रीय जल आयोग के कनीय अभियंता कन्हैया कुमार ने बताया कि मंगलवार अपराह्न तीन बजे तक जलस्तर बढ़ने की रफ्तार तीन सेंमी प्रति घंटा के साथ 58.56 मीटर दर्ज किया गयी थी. इसके बाद ही जलस्तर बढ़ने की रफ्तार बढ़कर चार सेमी पर पहुंच गई. इसके बाद बुधवार सुबह आठ बजे 59.16 मीटर दर्ज की गई थी. जबकि दोपहर 12 बजे ही चेतावनी बिंदु 59.32 को पार कर गया. गुरुवार की सुबह आठ बजे यह स्तर 59.59 रिकॉर्ड की गयी है. हालांकि, जलस्तर उपर आने के बाद गंगा के सतह में काफी फैलाव हो जाता है और इसे बेहद खतरनाक स्थिति माना जाता है. उधर, वाराणसी तथा इलाहाबाद में जिला स्तर के स्थिर होने की बात कही जा रही है.
गंगा में स्नान तथा नौका परिचालन पर भी लगी है रोक:
जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों में पानी प्रवेश करने लगा है. सबसे ज्यादा विकट स्थिति दियारा क्षेत्र की है. जहां लोगों के घरों में पानी प्रवेश करने लगा है. इधर चौसा में भी बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश करने की सूचना मिल रही है. इस संबंध में सदर एसडीओ केके उपाध्याय ने बताया कि बाढ़ की विकराल स्थिति को देखते हुए बुधवार की शाम जिले के सभी अंचलाधिकारियों की आपात बैठक बुलाई गई थी, जिसमें हालात से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए. गंगा के प्रवाह को दखते हुए अधिकारियों को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर आकलन करने का निर्देश देने के साथ ही जहां जरूरत है वहां से लोगों को हटाकर उनके लिए अलग इंतजाम करने का निर्देश जारी किया गया है. इस दौरान फिलहाल गंगा में नौका परिचालन पर रोक लगाते हुए घाटों की बैरिकेटिंग अथवा रस्सी से सीमा निर्धारित करने के साथ ही जहां तक संभव है लोगों को गंगा स्नान की मनाही की जा रही है.
2016 की आ रही याद, एक बार फिर डूबा विवाह मंडप:
रामरेखा घाट पर स्थित विवाह मंडप एक बार फिर गंगा की गोद में समाहित हो रहा है. विवाह मंडप आधे से ज्यादा पानी में डूब चुका है. स्थानीय लोगों के अनुसार यह नजारा वर्ष 2016 के बाद एक बार फिर देखने को मिला है. उस समय आई बाढ़ में यही नजारा बन गया था. स्थिति इतनी भयावह हो चुकी थी कि नगर के कई मोहल्ले जल मग्न हो गए थे तथा उनमें नाव चलानी पड़ी थी.
अलर्ट मोड में है जिला प्रशासन कार्य करने लगा जिला नियंत्रण कक्ष: अनुमंडलाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने बताया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है जो कि 24 घंटे कार्य कर रहा है. इसका नंबर 06183 223333 है. इसके साथ-साथ सभी अंचलाधिकारियों तथा थानाध्यक्षों को भी आपात स्थिति से निपटने के निर्देश दिए गए हैं. किसी भी तरह की सहायता या जानकारी देने के लिए प्रभावित लोग उनके नंबरों पर संपर्क कर जानकारियों का आदान प्रदान कर सकते हैं.
अंचलाधिकारियों के नम्बर
Post a Comment