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Buxar Top News: वीडियो: झूठ का हुआ पर्दाफाश: शराब माफियाओं ने निजी स्वार्थ में दी भूख से मरने की अफवाह को हवा ..



दूसरी तरफ यह कहना कि उसके घर में कोई कमाऊ सदस्य नहीं है यह बात भी आधारहीन है. क्योंकि, बेंगा मुसहर ट्रैक्टर चलाता है तथा उसे प्राप्त कमाई से परिवार का भरण पोषण करता है.
जांच को पहुंचे अधिकारी

- 3 नहीं 6 संतानों के माता-पिता है घाना व शिवकुमार.
- समाचार माध्यमों द्वारा बिना जांचे-परखे परोस दी गई अपूर्ण जानकारी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  कोरान सराय में भूख से बच्चों की मौत की खबर पूरी तरह से बेबुनियाद साबित होती दिखाई दे रही है. एक तरफ जहां शिवकुमार मुसहर की पत्नी घाना देवी ने यह कहा के उसके केवल तीन बच्चे हैं, जिनमें से दो की मौत भूख से हो गई है तो दूसरी तरफ प्रशासन का कहना था कि भूख से मरने की बात गलत है.
प्रशासन द्वारा जारी पत्र


अंत्योदय योजना के कार्ड धारी है मुसहर परिवार नियमित रूप से होता रहा है खाद्यान्न का उठाव:

दरअसल मुसहर परिवार अंत्योदय योजना के कार्ड धारी है तथा उन्हें नियमित रूप से राशन का आवंटन एवं वितरण होता रहा है. डीलर कौशल्या देवी का भी यह कहना है कि मुसहर परिवार के द्वारा प्रत्येक माह नियमित रूप से खाद्यान्न का उठाव किया है. प्रमाण के तौर पर उठाव पंजी में घाना देवी तथा उसके पूर्व उसके पति के अंगूठे के निशान है.


भूख नहीं बल्कि झाड़-फूंक के चक्कर में हुई है बच्चों की मौत:

मौत की वजह भूख नहीं बल्कि बीमारी का उचित इलाज ना करके झाड़-फूंक का सहारा लेना है. प्रशासन द्वारा यह भी बताया गया है कि दोनों बच्चों का इलाज डुमराँव के निजी क्लीनिक में कराया गया था. लेकिन, तब तक बहुत विलंब हो चुका था. जहां बच्चों गोविंदा तथा इतवारिया कुमारी के तेज बुखार का इलाज किया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. 
मौत के बाद जब भी विभिन्न समाचार माध्यमों द्वारा भूख से मरने की बात सामने आई तो प्रशासन हरकत में आया मौके पर पहुंचे चिकित्सकों के दल द्वारा अन्य जीवित बच्चों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें यह पाया गया कि बच्चे कुपोषण के शिकार नहीं है.


3 नहीं 6 बच्चों के मां बाप हैं शिव कुमार मुसहर तथा घाना देवी:

 प्रशासन ने अपनी जांच के दौरान पूर्व में ही ने साबित कर दिया था के शिवकुमार मुसहर तथा घाना देवी के तीन नहीं बल्कि पांच बच्चे हैं लेकिन प्रशासन का यह दावा भी पूरी तरह से सत्य नहीं था. दरअसल, शिव कुमार मुसहर के 6 बच्चे हैं इस बात की पुष्टि स्वयं घाना देवी ने की. उसने बताया कि उसके बड़े बेटे बेंगा मुशहर जिसकी उम्र तकरीबन 20 वर्ष की शादी हो चुकी है तथा वह अपनी पत्नी के साथ रहता है. (पूर्व में जाँच करने पहुंची प्रशासनिक टीम को बेंगा मुसहर को शिवकुमार का पड़ोसी बना कर दिखाया गया था.) घाना देवी ने बताया कि बेंगा मुसहर के अतिरिक्त उसकी अन्य संतानों में छठिया (10 वर्ष) अर्जुन मुसहर (6 वर्ष) गोविंदा (4 वर्ष) मुन्नी (2 वर्ष) तथा एतवरिया (8 माह) शामिल हैं. इनमें एतवरिया तथा गोविंदा की मौत पिछले दिनों हो गई है. दूसरी तरफ यह कहना कि उसके घर में कोई कमाऊ सदस्य नहीं है यह बात भी आधारहीन है. क्योंकि, बेंगा मुसहर ट्रैक्टर चलाता है तथा उसे प्राप्त कमाई से परिवार का भरण पोषण करता है.


पुलिसिया कार्रवाई के प्रतिशोध में रची गई प्रशासन को बदनाम करने की साजिश:

बताया जा रहा है कि स्थानीय पुलिस द्वारा नियमित रूप से इस इलाके में शराब के अवैध कारोबार को ध्वस्त करने का कार्य किया जाता रहा है. यही नहीं पूर्व में भी कई बार कोरान सराय थाना पुलिस भी उसी मुसहर टोली में छापेमारी कर अवैध शराब बनाने की भट्टियों को ध्वस्त करते हुए शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाले सामानों को जप्त किया था. संभवत: इसी बात के प्रतिशोध में शिवकुमार मुसहर ने सड़क दुर्घटना में हुई एक मौत के बाद  उपद्रवियों के साथ मिलकर जमकर उत्पात मचाया था. माना यह भी जा रहा है कि मुसहर टोली में अवैध शराब के कारोबार को बंद करने के गुस्से तथा स्थानीय शराब माफियाओं के इशारे पर ही प्रशासन के विरुद्ध एक नई साजिश की शुरुआत की गई है.

समाचार माध्यमों द्वारा बिना जांचे-परखे परोस दी गई अपूर्ण जानकारी:

विभिन्न समाचार माध्यमों द्वारा मामले की बिना जांच परख किए हुए भूख से मरने की बात प्रकाशित कर दी गई. हालांकि, प्रशासनिक टीम ने जांच उपरांत इस बात का खंडन करते हुए इस तरह की खबरों को पूरी तरह से भ्रामक एवं आधारहीन बताया है.

महत्वपूर्ण बात यह है के आज के जमाने में जहां सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से छोटी-छोटी मुसीबतों में लोगों की सहायता करने के लिए मदद के कई हाथ आगे आ जाते हैं वहीं यह गौर करने वाली बात है कि क्या कोई भूख से मर सकता है !  हां, यह बात और है कि अनुसूचित जाति जनजाति बस्तियों में गंदगी एवं लापरवाह जीवनशैली के कारण लोग बीमारियों के शिकार होते हैं, जिसके लिए सरकार तथा स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा पहल किए जाने की आवश्यकता है. ताकि वे असमय काल के गाल में ना समाए.
देखें वीडियो:

















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