प्यार के जाल में फांस कर किशोरी से दुष्कर्म, आरोपी फरार, व्यवस्था ने किया पीड़िता को प्रताड़ित ..
पीड़िता तथा उसके परिजनों द्वारा महिला थाने पहुंचकर प्राथमिकी दर्ज करने के संदर्भ में एक आवेदन दिया गया. जिसमें आरोपी युवक अशरफ राईन उर्फ इमामुद्दीन, उसके पिता भूअर राईन तथा माता के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है.
- महिला थाने में दर्ज कराया गया मामला.
- रात भर थाने में रखने के बाद आज कराया जाएगा मेडिकल.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमराँव थाना क्षेत्र में एक किशोरी से दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है. मामले को लेकर महिला थाने में मुख्य अभियुक्त समेत तीन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है.
इस बाबत मिली जानकारी के अनुसार डुमराँव थाना क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी को स्थानीय निवासी एक युवक ने प्रेम-जाल में फांस कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. थाने में दिए गए आवेदन में पीड़िता द्वारा बताया गया है कि उक्त युवक ने कई माह से उसका शारीरिक शोषण किया तथा शनिवार को उसे शादी का झांसा देकर घर से भगा लिया तथा रात भर अपने साथ रखने के बाद रविवार की सुबह उसे रेलवे स्टेशन पर छोड़ छोड़कर फरार हो गया. बाद में पीड़िता किसी प्रकार अपनी एक सहेली के यहां पहुंची तथा वहां से अपने परिजनों को इस मामले की जानकारी दी. जिसके बाद पीड़िता अपने परिजनों के साथ उक्त युवक के घर पहुंची जहां उसके पिता तथा उसकी माता ने भी उसके साथ दुर्व्यवहार किया तथा उसका मोबाइल छीन कर तोड़ दिया. बाद में डुमराँव थाने को मामले की सूचना दी गई. डुमराँव थानाध्यक्ष ने मामले को लेकर महिला थाने में जाने की बात कही गई जिसके बाद पीड़िता तथा उसके परिजनों द्वारा महिला थाने पहुंचकर प्राथमिकी दर्ज करने के संदर्भ में एक आवेदन दिया गया. जिसमें आरोपी युवक अशरफ राईन उर्फ इमामुद्दीन, उसके पिता भूअर राईन तथा माता के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है.
व्यवस्था का काला सच, पीड़िता को झेलनी पड़ी दोहरी प्रताड़ना:
पुलिस द्वारा पीड़ित किशोरी को मेडिकल जांच हेतु महिला थाने में ही रखे जाने का फरमान सुनाया गया. ऐसे में इस सर्द मौसम में पीड़िता महिला थाने में पुलिस अभिरक्षा में रहना पड़ा. मामले में मुख्यालय डीएसपी अरुण कुमार ने बताया कि रविवार होने के कारण सदर अस्पताल में पीड़ित किशोरी की मेडिकल जांच नहीं हो पाती, इसलिए उसे थाने में ही रात गुजारनी पड़ी. ऐसे में दुष्कर्म पीड़ित किशोरी को जिस मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा, वह पीड़ा व्यवस्था के स्याह पक्ष को उजागर कर रही है. जहां करोड़ों रुपए प्रतिमाह के खर्च के बावजूद सदर अस्पताल में ऐसी व्यवस्था नहीं है कि रविवार को एक दुष्कर्म पीड़िता की मेडिकल जांच हो सके.
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