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छात्र राजनीति से केंद्रीय मंत्री तक: अश्विनी चौबे ने तय किया है संघर्षों भरा लंबा राजनीतिक सफर ..

बिहार में स्वस्थ्य मंत्री रहने के दौरान उन्होंने महादलित परिवारों के लिए 11 हजार शौचालय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. उन्होंने नारा दिया था- हर घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान. 2013 के केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान भीषण बाढ़ में वह बाल-बाल बचे. 


- विद्यार्थी परिषद से की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत.
-  ऐतिहासिक जेपी आंदोलन के प्रमुख नेताओं में रहे शामिल.                                                                                                                                                      
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बक्सर संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर  सांसद तथा  केंद्र सरकार में  दोबारा राज्य मंत्री बनाए गए अश्विनी कुमार चौबे छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं. उन्होंने काफी संघर्ष से भारतीय राजनीति में अपनी जगह बनायी है. 1967-68 में बिहार सरकार के खिलाफ हुए छात्र आंदोलन में शामिल रहे श्री चौबे को दोबारा मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.

चौबे पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं. 1972-73 में केरल में हुए अखिल भारतीय छात्र नेता सम्मेलन में बिहार का प्रतिनिधित्व किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ व भाजपा से उनका छात्रजीवन से ही जुड़ाव रहा. 1977 के ऐतिहासिक जेपी आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शामिल रहे.


बिहार में स्वस्थ्य मंत्री रहने के दौरान उन्होंने महादलित परिवारों के लिए 11 हजार शौचालय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. उन्होंने नारा दिया था- हर घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान. 2013 के केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान भीषण बाढ़ में वह बाल-बाल बचे. इस हादसे में उनके परिवार के कई लोग काल-कवलित हो गए. श्री चौबे ने बाद में ‘केदारनाथ त्रासदी’ नामक पुस्तक भी लिखी. कई मामलों में बेबाक टिप्पणी करने वाले श्री चौबे बिहार की राजनीति के जाने-माने चेहरा हैं.

व्यक्तिगत परिचय 
नाम : अश्विनी कुमार चौबे 
जन्म : 2 जनवरी 1953
जन्म स्थान : दरियापुर, भागलपुर, बिहार 
पिता : स्व. सहदेव प्रसाद चौबे 
माता : स्व. सुदेवी देवी 
परिवार : पत्नी नीता चौबे एवं दो पुत्र अर्जित शाश्वत व अविरल शाश्वत
शिक्षा : स्नातक, सायंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय


राजनीतिक जीवन 
1974 :1987 : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे 
1977  : जेपी आंदोलन से जुड़े, आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत गिरफ्तार हुए, 23 महीने जेल में रहे
1995 :  पहली बार भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए, इसके बाद लगातार पांच बार 2014 तक विधायक निर्वाचित हुए 
2005-2010 : बिहार सरकार में नगर विकास एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रहे
2010-13 :  बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री 
2014 :  लोकसभा के लिए बक्सर से निर्वाचित हुए
2017 :  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्यमंत्री बने
2019 :  लगातार दूसरी बार बक्सर से सांसद निर्वाचित, मोदी सरकार - 2 में दोबारा बने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री









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