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चिकित्सक पर हमले के मामले में आरोपी नर्स सहित अन्य अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज ..

न्यायालय ने माना है कि चिकित्सक के साथ डयूटी के दौरान मारपीट और अस्पताल संपत्ति का तोड़ फोड़ अत्यंत गम्भीर प्रकृति का अपराध है, इसलिए जेल गए तीन अभियुक्तों को जमानत पर मुक्त करना न्यायसंगत नहीं है

- नर्स के इशारे पर चिकित्सक से हुआ था दुर्व्यवहार.

- कोर्ट ने माना चिकित्सक पर हमला गंभीर अपराध. 


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  देश मे चिकित्सकों पर हमले को लेकर डॉक्टर ही चिंतित नहीं हैं बल्कि न्यायालय भी ऐसे मामलों को जघन्य मानते हुए अभियुक्तों को राहत नहीं दे रहा है.

डुमराँव अनुमंडल अस्पताल में 23 मई को इमरजेंसी डयूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. विनीश कुमार के साथ मारपीट एवं अस्पताल के उपस्करों तो तोड़ फोड़ करने के आरोप में पुलिस द्वारा अस्पताल परिसर से गिरफ्तार बिनोद कुमार, विकास कुमार और दीपू कुमार की जमानत याचिका को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम राकेश मिश्र ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है. न्यायालय ने माना है कि चिकित्सक के साथ डयूटी के दौरान मारपीट और अस्पताल संपत्ति का तोड़ फोड़ अत्यंत गम्भीर प्रकृति का अपराध है, इसलिए जेल गए तीन अभियुक्तों को जमानत पर मुक्त करना न्यायसंगत नहीं है. सरकार की ओर से लोक अभियोजक नंद गोपाल ने दलील दी कि लोक सेवक के साथ डयूटी पर निर्वहन के दौरान आपराधिक बल का प्रयोग एक गंभीर अपराध है. दूसरी ओर इसी मामलों में आरोपी नर्स निर्मला कुमारी और उसके पति ज्ञानेंद्र कुमार द्वारा दाखिल अग्रिम जमानत याचिका को न्यायालय ने माना कि जो नर्स होकर अपने उच्चाधिकारियों पर हमले का आरोपित हो, अग्रिम जमानत की हकदार नहीं है.

विदित हो कि अनुमंडलीय अस्पताल डुमराँव में 23 मई को एक नवजात शिशु के मौत के मामले में अस्पताल के चिकित्सक डॉ विनीश कुमार के साथ मारपीट की घटना हुई थी जिसमें नर्स निर्मला कुमारी द्वारा ही अपने गांव कोपवां से पति सहित कुछ लोगों को बुलाकर उपद्रव कराया गया था जिसपर अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा दर्जन भर नामजद लोगों के खिलाफ डुमराँव थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने अस्पताल से तीन उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया गया था जबकि नर्स को निलंबित किया गया है और वह फरार है.









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