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योगियाँ हत्याकांड में बड़ा फैसला: एक को आजीवन तथा अन्य को 10 वर्षों का कठोर कारावास ..

मामले में मुख्य आरोपी कुबेर मिश्रा आईजीआईएमएस में इलाज के दौरान फरार हो गया था. जो कि अब तक पुलिस की बाहर है. उस पर 50 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है. फरार होने के कारण मामले से कुबेर मिश्रा को अलग कर दिया गया.

- हत्याकांड के अभियुक्तों को देना होगा जुर्माना.
- 16 अक्टूबर 2014 को हुआ था हत्याकांड.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बहुचर्चित योगियाँ हत्याकांड में शामिल 24 अभियुक्तों में से 19 अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई. जिसमें एक आरोपी को विवेक मिश्रा को आजीवन कारावास तथा 1 लाख रुपये जुर्माना व अन्य 18 अभियुक्तों को 10 वर्षों का कठोर कारावास एवं प्रत्येक अभियुक्त को 50-50 हज़ार जुर्माना देने की बात कही गई है. गुरुवार को व्यवहार न्यायालय के  एडीजे 2 ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव की अदालत के द्वारा अपना फैसला सुनाया गया.


इन्हें हुई है सज़ा:

विवेक मिश्रा के अतिरिक्त सजा पाने वालों में राधेश्याम मिश्रा, राधा रमण मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, अशोक मिश्रा, मुकेश चौधरी, सूर्य बली यादव, शशि मिश्रा, राकेश मिश्रा, चंदन मिश्रा, अभिषेक मिश्रा, मुकेश मिश्रा, ओंकार मिश्रा, त्रिपुरारी मिश्रा, दीपक मिश्रा, पप्पू मिश्रा, छोटू उपाध्याय, तथा संतोष मिश्रा शामिल हैं.

क्या है मामला:

दरअसल 16 अक्टूबर 2014 को नींबू तोड़ने के विवाद से शुरू हुए मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था जिसके बाद योगियाँ गांव के रहने वाले प्रदीप यादव तथा नीरज यादव नामक दो युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं, मौके पर हुई फायरिंग में सात-आठ अन्य लोग जख्मी हो गए थे. मामले में मृतकों के परिजनों द्वारा 24 अभियुक्तों को नामजद बनाते हुए मामला दर्ज कराया गया था. 

पुलिस को चकमा देकर फरार है कुबेर:

मामले में मुख्य आरोपी कुबेर मिश्रा आईजीआईएमएस में इलाज के दौरान फरार हो गया था. जो कि अब तक पुलिस की बाहर है. उस पर 50 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है. फरार होने के कारण मामले से कुबेर मिश्रा को अलग कर दिया गया. वहीं, कुल 24 अभियुक्तों में एक को रिहा कर दिया गया हैं. वहीं, दो अन्य के नाबालिग होने के कारण उसका मामला किशोर न्याय परिषद में लंबित है. साथ ही एक अभियुक्त घटना के बाद से न्यायालय में हाजिर नहीं हुए हैं.

मामले में सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद तथा बचाव पक्ष से शशिकांत उपाध्याय उपस्थित थे.








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