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बड़ी खबर: कृषि यांत्रिकीकरण अनुदान घोटाला: आरटीआई से उपलब्ध कराई गई गलत सूचना ..

ऐसे में दो आरटीआआई तथा उनके साक्षात्कार में भिन्नता के बाद जब गुरुवार को पुन: जिला कृषि पदाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो वह बयान देने से भागते नज़र आए. ऐसे में यह बड़ा प्रश्न है कि क्या अधिकारी सही बोल रहे हैं. और यदि हाँ तो फिर आरटीआआई से गलत सूचना क्यों उपलब्ध कराई गई?
पत्रकारों से बात करते जिला कृषि पदाधिकारी

- बयान देने से कतरा रहे हैं जिला कृषि पदाधिकारी
- "कभी हां, कभी ना" के चक्कर में मामले को उलझाने की कोशिश.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कृषि यांत्रिकीकरण अनुदान की राशि में बड़ा घोटाला सामने आने के बाद अधिकारी अब बयान देने से भी कतरा रहे हैं. उधर, पूर्व में गलत बयानी के कारण विभाग के अधिकारी अपनी ही बातों में फंसते नजर आ रहे हैं. दरअसल, कृषि यांत्रिकीकरण में हुए घोटाले की बात काफी पहले ही सामने आने लगी थी, जिसको लेकर राजपुर थाना क्षेत्र के गोसाइपुर के निवासी पंकज कुमार चौबे द्वारा आरटीआआई से जानकारी माँगी गयी थी. जानकारी माँगने के बावजूद अधिकारी अधिकारी पहले तो टाल-मटोल करते रहे लेकिन बाद में प्रथम अपीलीय प्राधिकार (निदेशक, कृषि विभाग, बिहार) के हस्तक्षेप के बाद जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा आरटीआआई से जो सूचना उपलब्ध कराई गई उसके अनुसार बताया गया कि अनुदान राशि विभाग से प्राप्त नहीं हुई है. वहीं, किसी भी किसान को अनुदान नहीं दिए जाने की बात कही गई थी. उधर, पत्रकारों के समक्ष जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि एक करोड़ 74 लाख रुपये का अनुदान यंत्रों की खरीद पर बाँटा जा चुका है. साथ ही इस मामले में घोटाले के संकेत मिलने के बाद इसकी जाँच कराई जा रही है. 

ऐसे में आरटीआआई तथा उनके साक्षात्कार में भिन्नता के बाद जब गुरुवार को पुन: जिला कृषि पदाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो वह बयान देने से भागते नज़र आए. ऐसे में यह बड़ा प्रश्न है कि क्या अधिकारी सही बोल रहे हैं. और यदि हाँ तो फिर आरटीआआई से गलत सूचना क्यों उपलब्ध कराई गई?

मामले के प्रकाश में आने के बाद बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरीय नेता टीएन चौबे ने कहा है कि इस बड़े घोटाले में जिला कृषि पदाधिकारी का हाथ है. क्योंकि, कोई भी अनुदान बिना इनके हस्ताक्षर के नहीं निकल सकता. उन्होंने कहा कि इनके पदस्थापन के बाद से लगातार यह खेल जारी है. ऐसे में यह स्पष्ट रूप से जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग है. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर कृषि विभाग के प्रधान सचिव के यहां अपील की गई है. जो उनके यहां विचाराधीन है. जिसमें इस घोटाले का पर्दाफाश हो जाएगा.








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