Header Ads

लोक अदालत में ढाई करोड़ से ज्यादा के 824 मामलों का हुआ निष्पादन ..

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर बिना किसी खर्चे का मुकदमों का निपटारा कराया जाता है. राष्ट्रीय लोक अदालत में  न्यायालय के छोटे और सुलहनीय मुकदमे के बोझ को कम किया जाता है. इससे वादी व प्रतिवादी का समय और पैसा दोनों की बचत होती है. जिसका उपयोग वे अपने परिवार में करते है.
लोक अदालत का उद्घाटन करते जिला जज व अन्य

- विधिक सेवा प्राधिकार में आयोजित थी अदालत.
- बोले जिला जज, सबके लिए सुलभ न्याय का है उद्देश्य.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: विधिक सेवा सदन में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें 824 विभिन्न वाद के 2 करोड़ 60 लाख 74 हजार 460 रुपये के वादों का निपटारा दोनों पक्षों की सहमति से कराई गई. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्रनाथ, सचिव राजेश कुमार त्रिपाठी, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

अपने संबोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर बिना किसी खर्चे का मुकदमों का निपटारा कराया जाता है. राष्ट्रीय लोक अदालत में  न्यायालय के छोटे और सुलहनीय मुकदमे के बोझ को कम किया जाता है. इससे वादी व प्रतिवादी का समय और पैसा दोनों की बचत होती है. जिसका उपयोग वे अपने परिवार में करते है. इससे उनकी खुशहाली बढ़ती है. इस अदालत का उद्देश्य सबके लिए सुलभ न्याय दिलाने की है. प्राधिकार के सचिव ने बताया कि आज लगे राष्ट्रीय लोक अदालत में आठ सौ चौबीस मुकदमों का निपटारा कराया गया. इसके लिए 13 बेंच बनाए गए थे. जिसमें  मोटर वाहन दुर्घटना के 6 लाख 91 हजार 5 सौ और बैंक वाद के 663 मुकदमे निपटे. इससे 2 करोड़ 59 लाख 63 हजार 527 रुपये की वसूली की गई. उक्त अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ शशिकान्त चौधरी, पंचम राकेश मिश्रा, राकेश कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कैलाश जोशी, सब जज प्रथम धर्मेंद्र कुमार तिवारी के अलावा सुधीर कुमार, दीपेश श्रीवास्तव समेत अन्य मौजूद रहे.

  - दस वर्ष बाद महिला को मिला मुआवजा:

जिले के ब्रह्मपुर थाने में महिला मीना देवी ने अपने पति श्रीभगवान सिंह की दुर्घटना मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसका विवाद विभिन्न कोर्ट में पिछले दस सालों से चल रहा था. महिला ने प्राधिकार से गुहार लगाई. इसके बाद मोटर वाहन अधिनियम के तहत इस लोक अदालत में मुकदमे का निपटारा कराने के बाद सचिव राजेश कुमार त्रिपाठी ने महिला को इंश्योरेंस कम्पनी से पांच लाख का मुआवजा दिलाया.










No comments