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कमीशन के फेर में विकसित बिहार के निश्चय पर ग्रहण ..

जिले के लगभग सभी पंचायतों में यही हाल बना हुआ है. कमीशन के लेनदेन के कारण सात निश्चय के कार्य भी घटिया स्तर के हो रहे हैं. जिसके कारण आम लोगों को भी सरकार की यह योजना रास नहीं आ रही है. साफ तौर पर कहा जाए तो मुख्यमंत्री के निश्चय पर मुखिया जी पानी फेर रहे हैं.

- मुखिया के टाल-मटोल से रुका है सात निश्चय का कार्य.
- वार्ड सदस्यों ने खोला मोर्चा, डीएम को लिखा पत्र.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय को पंचायतों के मुखियों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है. पहले तो वह योजना के कार्यान्वयन के लिए मोटी रकम बतौर कमीशन की मांग करते हैं और नहीं मिलने पर कार्य में अड़ंगा डालते हैं. यह मामला किसी एक पंचायत का नहीं है. बल्कि, जिले के लगभग सभी पंचायतों में यही हाल बना हुआ है. कमीशन के लेनदेन के कारण सात निश्चय के कार्य भी घटिया स्तर के हो रहे हैं. जिसके कारण आम लोगों को भी सरकार की यह योजना रास नहीं आ रही है. साफ तौर पर कहा जाए तो मुख्यमंत्री के निश्चय पर मुखिया जी पानी फेर रहे हैं.

ताजा मामला सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत से जुड़ा हुआ है. जहां कमीशन की राशि नहीं देने के कारण मुखिया जी योजना की राशि के भुगतान के चेक पर हस्ताक्षर ही नहीं कर रहे हैं. इसके कारण मामला रुका पड़ा है. मामले में वार्ड सदस्य लालमुनी देवी, शिव जी शर्मा तथा इम्तियाज अंसारी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बताया है कि, मुखिया जी 40 फीसद कमीशन की मांग पर अड़े हुए हैं. तथा कमीशन नहीं देने पर कार्य में अवरोध पैदा कर रहे हैं. यही नहीं मुखिया जी ने कभी भी सार्वजनिक स्थल पर पंचायत समिति की कोई बैठक नहीं बुलाई है. उन्होंने अपने घर को ही पंचायत भवन बना लिया है. जिससे कि केवल उनके चहेते ही बैठक में शामिल होते हैं. इस तरह के कार्य से भी विकास कार्य प्रभावित होते है.

दूसरी तरफ मामले को लेकर जब मुखिया अख्तर अली से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया. उनका कहना है कि वार्ड सदस्य उनसे उन कार्यों को भी करवाना चाहते हैं, जिसमें पूर्व में मनरेगा के तहत कार्य हुआ है और उसका भी भुगतान अभी तक नहीं हो सका है. ऐसे में वह शीघ्र ही एक सार्वजनिक बैठक बुलाकर मामले मामले की चर्चा करेंगे. 

बहरहाल, मामला चाहे जो हो लेकिन, एक बात तो साफ है कि इस खींचतान ने विकास को लेकर मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता को चोट पहुँचना शुरु कर दिया है. ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर पहल करते हुए मामले का निबटान करना कर इस जन लाभकारी योजना का कार्यान्वयन सुनिश्चित कराना आवश्यक है.










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