Header Ads

परंपरा, स्वच्छता तथा जल संरक्षण के संकल्प के साथ ब्रम्हपुर के ऐतिहासिक पोखरे में शुरू हुई आरती ..

ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में अवस्थित ऐतिहासिक पोखरे में भी आरती की परंपरा शुरू कर दी गई है. जिससे कि लोगों की आस्था पोखरे के प्रति बनी रहे तथा वह इसकी स्वच्छता को लेकर सचेत रहें. स्थानीय लोगों ने भी स्वच्छता को आस्था के साथ जोड़ते हुए बदलाव की एक नई कहानी लिखनी शुरू कर दी है

- गंगा समग्र तथा गंगा सेवा समिति के संयुक्त प्रयास से हो रही है आरती.

- स्थानीय लोगों तथा पुजारियों का मिल रहा सहयोग.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: घटते भूगर्भ जलस्तर के साथ साथ आस्था तथा परंपराओं को संरक्षित करने के पहल शुरू कर दी गई है. बक्सर में लगातार चल रही गंगा आरती के पश्चात अब गंगा समग्र, गंगा आरती सेवा ट्रस्ट और बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के संयुक्त तत्वाधान में ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में अवस्थित ऐतिहासिक पोखरे में भी आरती की परंपरा शुरू कर दी गई है. जिससे कि लोगों की आस्था पोखरे के प्रति बनी रहे तथा वह इसकी स्वच्छता को लेकर सचेत रहें. स्थानीय लोगों ने भी स्वच्छता को आस्था के साथ जोड़ते हुए बदलाव की एक नई कहानी लिखनी शुरू कर दी है. सभी के प्रयास से इस ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थल की रूपरेखा बदलने लगी है. वैसे तो बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर सदियों से अपनी ऐतिहासिकता के लिए विख्यात है लेकिन, अब इसकी स्वच्छता से भी इसकी पहचान होगी. काशी तथा मिनी काशी की तर्ज पर यहां नियमित रूप से आरती का आयोजन किया जा रहा है. 

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए गंगा समग्र दक्षिण बिहार के संयोजक शंभू नाथ पांडेय ने बताया कि ब्रह्मपुर धाम के विकास में यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा. इससे एक ओर जहां लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक होंगे वही धार्मिक आस्था भी प्रगाढ़ होगी. गंगा आरती के पुजारी अमरनाथ पांडेय, कपिल मुनि पांडेय, दुर्गेश पांडेय, कौशल किशोर पांडेय, एवं अजय पांडे के साथ साथ स्थानीय अधिकारी व्यवसायी नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरती में शामिल होकर पोखरे की स्वच्छता का संकल्प लिया. कार्यक्रम का सफल संचालन गंगा आरती सेवा ट्रस्ट के कपीन्द्र किशोर भारद्वाज की देखरेख में हुआ. वहीं, आरती के पश्चात श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण भी किया गया. 

इस दौरान बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर बोल बम एवं हर हर गंगे के जयघोष से गूंजता रहा. मौके पर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी मोहनलाल पांडेय, धर्मराज पांडेय, डमरु पांडेय, मटरू पांडेय, सिद्धनाथ पांडेय, धीरेंद्र तिवारी व संतोष रंजन राय समेत कई लोगों का सराहनीय योगदान रहा.









No comments