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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर सांसद विधायक समेत नेताओं जताया शोक ..

2019 के आम चुनावों के वक्त शीला दीक्षित दिल्ली की प्रदेश अध्यक्ष रहीं. उन्होंने उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन मनोज तिवारी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा

- गंभीर बीमारी से पीड़ित पूर्व मुख्यमंत्री का दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में चल रहा था इलाज.

- तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुकी हैं शीला दीक्षित.


बक्सर टॉप न्यूज़ बक्सर दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का निधन हो गया है. वे 81 साल की थीं. बीते कुछ समय से वह हृदय संबंधी रोगों के चलते गंभीर रूप से बीमार थीं. उनका निधन दिल्ली के फोर्टिस एस्कार्ट्स अस्पताल में हुआ. उनके निधन पर जिले में भी शोक संवेदनाओं का तांता लग गया. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उनके निधन को देश की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति बना बताया. उन्होंने ईश्वर से मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. दूसरी तरफ सदर विधायक संजय कुमार तिवारी ने भी कांग्रेस के कद्दावर नेता के निधन पर कहा कि उन्हें सहसा इस बात पर विश्वास ही नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित का निधन पार्टी के साथ-साथ देश की राजनीति के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएन चौबे भी शीला दीक्षित के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही. उधर कांग्रेस नेता डॉ. सत्येंद्र ओझा ने कहा कि शीला दीक्षित का निधन भारतीय राजनीति के 1 अध्याय का अंत है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ईश्वर से मृतात्मा की शांति तथा परिजनों को साहस प्रदान करने की कामना की. इसके अतिरिक्त कांग्रेस नेता हरिशंकर त्रिवेदी, कमलेश पाल राहुल चौबे, स्नेहाशीष वर्धन, राकेश तिवारी समेत कई लोगों ने शीला दीक्षित के निधन पर शोक व्यक्त किया

लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित:

शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था. लेकिन अगस्त, 2014 में उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.

2019 के आम चुनावों के वक्त शीला दीक्षित दिल्ली की प्रदेश अध्यक्ष रहीं. उन्होंने उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन मनोज तिवारी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा. शानिवार शाम दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थित उनके घर पर पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. उनका अंतिम संस्कार रविवार दोपहर को किया जाएगा.









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