वीडियो: फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी से होगी युवती के शव की पहचान ..
घटना के 48 घंटे बाद भी युवती की पहचान नहीं हो पाई है. शव की पहचान के लिए पुलिस के साथ फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला(एफएसएल) की टीम के सदस्य भी घटनास्थल पर पहुँचे.
- एसएफएल की टीम ने सुरक्षित किये शव के दांत और नाखून.
- इसी विधि से हो चुकी है कई लावारिस शवों की पहचान.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : हैदराबाद की घटना की तर्ज पर बक्सर में युवती के साथ कथित दुष्कर्म और गोली मारकर शव को जलाने के मामले की जांच में पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान का सहारा ले रही है. पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि घटना के 48 घंटे बाद भी युवती की पहचान नहीं हो पाई है. शव की पहचान के लिए पुलिस के साथ फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला(एफएसएल) की टीम के सदस्य भी घटनास्थल पर पहुँचे. बताया जा रहा है कि, एफएसएल फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी के माध्यम से शव की पहचान करने का प्रयास करेगा.
मामले की जांच के लिए इटाढ़ी थाना अंतर्गत कुकुढा में घटनास्थल पर पहुंची एफएसएल की टीम के एक सदस्य ने बताया कि, शव के दांतों को सुरक्षित रख लिया है. बताया कि, फॉरेंसिक ओडोनटोलॉजी तकनीक से सड़ गल चुके जले हुए शवों की पहचान हो सकती है. लावारिस शवों की पहचान उसके दांतों से आसानी से होती है, बशर्ते जिस व्यक्ति का शव मिला है, उसका दांतों का डेंचर का साइज किसी डेंटिस्ट के पास हो.इसमें शव पुराने डेंचर साइज से मृतक व्यक्ति के बारे में पता लग जाता है. आईजीएमसी के ओरल डायग्नोसिस एंड रेडियोलॉजी विभाग पिछले कई सालों से इस पर काम कर रहा है और कई लावारिस शवों की इस तकनीक से पहचान हो चुकी है.
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