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Buxar Top News: मध्याह्न भोजन में नीचे से ऊपर तक फैले भ्रष्टाचार का बच्चे हुए शिकार, टला बड़ा हादसा ..


राजपुर प्रखंड के हरपुर पंचायत स्थित ददुरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में भोजन में किरोसिन मिल जाने से बच्चों की जान पर बन आई.

- विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से भोजन में मिल गया किरोसिन. 
- मध्यान भोजन में नहीं हो रहा निर्धारित मानकों का अनुपालन.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राजपुर प्रखंड के हरपुर पंचायत स्थित ददुरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में भोजन में किरोसिन मिल जाने से बच्चों की जान पर बन आई. किरोसिन मिला भोजन करने से बच्चे उल्टियां करने लगे. आनन-फानन में उन्हें प्राथमिक चिकित्सकीय सहायता दी गई. हालांकि इस घटना से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ.

 प्राप्त जानकारी के अनुसार  विद्यालय में  मध्याह्न भोजन बनना था जिसके लिए महिला रसोईया को खाद्य तेल की जरूरत थी. भूलवश वह किरोसिन के डिब्बे को लेकर दुकान पर चली गई तथा उसी में  खाद्य तेल लेकर आ गई. किरोसिन मिले  तेल से बने खाने में  किरोसिन का अंश आ जाने से भोजन कर रहे बच्चे उल्टियां करने लगे.  आनन-फानन में उनका प्राथमिक उपचार उपचार किया गया, लेकिन ग्रामीण विद्यालय प्रबंधन के प्रति आक्रोशित हो गए तथा विद्यालय पहुंच कर हंगामा करने लगे. ग्रामीणो का कहना था की घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को दंड दिया जाए. हालांकि, बाद में मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया. विद्यालय के सचिव उषा देवी ने बताया कि घटना मानवीय भूल के कारण हुई है हालांकि दोषी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
समूचे घटनाक्रम के बाद विद्यालय प्रबंधन इसे मानवीय भूल कहते हुए अपना पल्ला झाड़ने की तैयारी में है, लेकिन इस घटना के बाद विद्यालय प्रबंधन पर कई बड़े सवाल उठ खड़े हुए हैं. मध्याह्न भोजन के लिए निर्धारित नियमावली के अनुसार भोजन बनाने के बाद सर्वप्रथम रसोइए को उसे चखना है साथी पंजी पर हस्ताक्षर भी करना है तत्पश्चात विद्यालय के एक शिक्षक द्वारा भी यही प्रक्रिया दोहराई जानी है. इन प्रक्रियाओं के बाद तकरीबन 20 मिनट बीत जाने के बाद ही बच्चों को भोजन परोसा जाना है.

 ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है की आखिर कैसे भोजन में किरोसिन मिले होने की बात दोहरे जांच के बाद भी नहीं मालूम चली. सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है की निर्धारित प्रक्रियाओं का अनुपालन ही नहीं किया गया.

 सूत्रों की माने तो मध्याह्न भोजन में निर्धारित मानकों का अनुपालन कभी नहीं किया जाता है. दूसरी और मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता एवं प्रक्रियाओं की जांच करने जिला से आने वाले अधिकारी भी केवल खानापूर्ति कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं. आज हुई की घटना सरकार द्वारा बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए चलाई जा रही इस योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की सिर्फ एक बानगी है. जिस तरीके से इस अति महत्वकांक्षी योजना का अनुपालन संपूर्ण जिले में किया जा रहा है. उसे देखने के बाद भविष्य में किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता. बहरहाल, अब देखना यह होगा की, इस घटना के बाद प्रशासनिक तौर पर दोषियों के विरुद्ध किस तरह के कदम उठाए जाते हैं.
समाचार संकलन: शंकर पांडेय














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