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Buxar Top News: पुलिस की मुखबिरी बनी परिवार के सर्वनाश का कारण, तिहरे हत्याकांड के बाद राजपुर में हुई चौथी हत्या, "गब्बर" के खौफ से सहमे ..

स्थिति यह है कि अब मृतक घर का कोई भी व्यक्ति मुन्ना राजभर के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराने से कतरा रहा है.
प्रतिकात्मक तस्वीर

- अप्रिय घटना की आशंका से गांव छोड़कर बाहर रह रहा था मृतक एक हफ्ते पहले ही लौटा था घर.
- राजपुर में हुए तिहरे हत्याकांड के बाद से ही फरार है मुन्ना राजभर.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: 13 अप्रैल 2017 को राजपुर के लक्ष्मण डेरा में हुए तिहरा हत्याकांड के बाद एक बार फिर राजपुर थाना क्षेत्र में "गब्बर" का खौफ लोगों को सताने लगा है. बुधवार की शाम करीब 5:30 बजे अपराधियों ने उसी परिवार के अवध बिहारी राय (45 वर्ष), पिता- स्वर्गीय राम बिहारी राय की गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना तब हुई जब अवध बिहारी मंगराव बाजार से अपने घर लक्ष्मणपुर लौट रहे थे. इसी दौरान चना पुल के पास पहले से घात लगाए अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मौत की नींद सुला दिया तथा आराम से चलते बने. 

 दरअसल, हम सुरेश राजभर के भाई मुन्ना राजभर की बात कर रहे हैं. पुलिस की मुखबिरी इस परिवार को इतनी महंगी पड़ी कि पहले तो मुन्ना राजभर ने पिछले वर्ष अप्रैल में आज मारे गए अवध बिहारी राय के पिता रामबचन राय समेत उनके ही परिवार के दो अन्य लोगों की हत्या कर दी तथा उसके बाद उसने पूरे परिवार को ही नेस्तनाबूद करने की ठान ली. हालांकि, किसी अप्रिय घटना के डर से मृतक पिछले वर्ष हुई घटना के बाद से ही बाहर रहकर फैक्ट्री वगैरह में काम किया करता था तथा पिछले एक हफ्ते से अपने गांव आया हुआ था. इसी दौरान वह बुधवार को संग्राम बाजार गया हुआ था, जहां से तकरीबन 5:30 बजे वापस अपने घर लौट रहा था. इस दौरान पहले से घात लगाए अपराधियों ने चना पुल के पास उसकी हत्या कर दी. अवध बिहारी की हत्या के बाद उसके चाचा  श्यामू राजभर  भी घर छोड़ कर फरार हैं. स्थिति यह है कि अब मृतक घर का कोई भी व्यक्ति मुन्ना राजभर के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराने से कतरा रहा है. माना जा रहा है कि मुन्ना राजभर ने ही अवध बिहारी राय की हत्या की है. घटना के बाद परिजनों में मुन्ना राजभर का इतना खौफ है कि वह ठीक से रो भी नहीं पा रहे हैं उन्हें लगता है कि कहीं उनकी भी जान ना ले ली जाए.

यह पाठकों को बता दें कि कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर को पुलिस ने राजपुर थाना क्षेत्र में बहुत ही मुश्किल से एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था. उस घटना के बाद मारे गए अपराधी के भाई मुन्ना राजभर को यह लगता था कि इसी परिवार के लोगों ने पुलिस की मुखबिरी की थी जिसके बाद उसके भाई को मारा गया. इसी वजह से मुन्ना लगातार हत्याओं को अंजाम दे रहा है.

 मामले में थानाध्यक्ष  राकेश कुमार ने बताया  हत्या की घटना घटित हुई है पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है. दूसरी ओर आसपास के इलाकों में हत्या में शामिल कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर के भाई मुन्ना राजभर की मौजूदगी की आशंका से दहशत का माहौल कायम हो गया है. आश्चर्य की बात तो यह है कि तकरीबन 1 साल बीत जाने के बाद भी इलाके में "गब्बर" के नाम से कुख्यात अपराधी अभी भी पुलिस के बाहर है. वहीं, दूसरी ओर जिले में ताबड़तोड़ हो रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए यह भी माना जा रहा है कि पुलिस के लिए इस अपराधी को पकड़ना अपने आप में एक बहुत बड़ी चुनौती है. बहरहाल, अब देखना यह होगा कि पिछले 1 साल से लकीर पीट रही  पुलिस इस मामले में आगे क्या कारवाई करती है?











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