Buxar Top News: आरटीआई खोल रहा भ्रष्टाचार की पोल : पूर्व प्रखंड प्रमुख ने कानून को दिखाया ठेंगा महिला के स्थान पर अपने पुत्र को बना डाला प्रखंड शिक्षक !
मेधा सूची में जो क्रमांक पूर्व प्रमुख सीमा देवी के पुत्र रूना कुमार का बताया जा रहा था वह दरअसल रीना कुमारी पिता शिव मुनि राम का था
- सफेदपोशों के संरक्षण में दर्जनों फर्जी शिक्षक जिले में कर रहे हैं नौकरी.
- RTI से हुआ खुलासा महिला के नाम पर पुरुष बन बैठा है शिक्षक.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के सिमरी में पूर्व प्रखंड प्रमुख द्वारा सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अपने ही पुत्र को प्रखंड शिक्षक बनाने का मामला सामने आया है. यही नहीं इस गड़बड़झाले में शिक्षा विभाग के भी कई अधिकारी शामिल माने जा रहे हैं.
मामले का खुलासा तब हुआ जब आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण देव सुमन आरटीआई से मेधा सूची की प्रति शिक्षा विभाग से मांगी. मेधा सूची में जो क्रमांक पूर्व प्रमुख सीमा देवी के पुत्र रूना कुमार का बताया जा रहा था वह दरअसल रीना कुमारी पिता शिव मुनि राम का था.बावजूद इसके उसके स्थान पर प्रमुख पुत्र का नियोजन शिक्षक के तौर पर प्रखंड शिक्षा इकाई द्वारा कर दिया गया है.
आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण देव सुमन ने बताया कि सिमरी की तत्कालीन प्रमुख सीमा देवी के पुत्र रूना कुमार का नियोजन वर्ष 2012 में प्रखंड नियोजन इकाई जिसमें वर्तमान प्रमुख पति सुशील कुमार लाल (तत्कालीन बीडीसी) जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं पूर्व प्रखंड प्रमुख सीमा देवी शामिल थी के द्वारा प्रखंड शिक्षक के रूप में किया गया था. इस नियोजन के दौरान मेधा सूची में उनका क्रमांक 82111 5024 दिखाया गया था, तथा उनका चयन हिंदी शिक्षक के रूप में किया गया था. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उक्त शिक्षक का योगदान खधरा मध्य विद्यालय में अंग्रेजी शिक्षक के रूप में करा लिया गया.
मामले की भनक लगते ही आरटीआई कार्यकर्ता रत्न देव सुमन ने आरटीआई से सूचना प्राप्त की तथा इस मामले का रहस्योद्घाटन किया, जिसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा उक्त शिक्षक का वेतन अवरुद्ध कर दिया गया. बावजूद इसके तकरीबन तीन माह बीत जाने के बावजूद वह शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय में अपना योगदान दे रहा है.
आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया की प्रमुख पुत्र के द्वारा कभी टीईटी की परीक्षा पास ही नहीं की गई है तथा उसके द्वारा गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर अपना नियोजन करा लिया गया है. उन्होंने मामले में तत्कालीन शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत प्रखंड विकास पदाधिकारी के मिलीभगत की भी आशंका जताई है. दूसरी और उन्होंने यह भी बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसे दर्जनों मामले हैं. जहां महिला के नाम पर पुरुष नौकरी करते हैं सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण कोई भी उनके विरुद्ध बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता.
मामले में जब वर्तमान प्रमुख माधुरी देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी उन्हें मिली है लेकिन कोई लिखित आवेदन उन्हें नहीं मिला है. जैसे ही उन्हें कोई लिखित आवेदन मिलता है वह पूरे मामले की जांच कराते हुए उचित कार्रवाई करेंगे.
दूसरी तरफ प्रखंड विकास पदाधिकारी अर्चना कुमारी ने बताया कि उक्त मामले की जानकारी उन्हें मिली थी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस नियोजन में उनका कोई विशेष योगदान नहीं रहता शिक्षा विभाग के द्वारा अनुमोदित सूची के आधार पर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा नियोजन की प्रक्रिया कराई जाती है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कई मामले संज्ञान में आ रहे हैं जिसके बाद निगरानी विभाग द्वारा जांच की कार्यवाही की जा रही है. जांच के बाद विभाग जो भी रिपोर्ट देता है उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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