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Buxar Top News: दबंगों के अतिक्रमण से खेतों में भर गया पानी, दो पक्षों में तनाव..



अंचलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भेजा है. बावजूद इसके उनके आवेदन पर संज्ञान लेते हुए कोई कारवाई नहीं की गई. जिसके चलते दबंगों का मन और भी बढ़ गया तथा सड़क का निर्माण कार्य जारी रहा.

अतिक्रमण के कारण जलमग्न खेत
- कहते हैं अंचलाधिकारी, आवेदन मिलेगा तो होगी कार्रवाई.
- ग्रामीण ने जताई अनहोनी की आशंका.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नावानगर प्रखंड के बेलहरी पंचायत स्थित परसागंडा गांव में जबरदस्ती निजी जमीन पर सड़क निर्माण कराए जाने को लेकर ग्रामीण द्वारा जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक तथा अंचलाधिकारी से गुहार लगाई गई है. 

ग्रामीण रामदास प्रधान ने अपने आवेदन में बताया है कि दबंगों द्वारा उनके निजी जमीन पर बिना उनकी इजाजत के सड़क का निर्माण कराया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है. आवेदन में उन्होंने बताया है कि उनकी विधवा मां गांव में खेती बाड़ी का कार्य देखती हैं. खेती से उपजा अन्न उनके जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन है. इसी बीच बेलहरी पंचायत के मुखिया पति रामजी तिवारी एवं वार्ड पार्षद पति नवीन प्रधान द्वारा उनके खेतों से होकर सड़क का निर्माण कराया जाने लगा. उनके विरोध पर भी जब दोनों लोग नहीं माने तो उन्होंने मामले की शिकायत अंचलाधिकारी, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत संबंधित अधिकारियों से भी की. यही नहीं उन्होंने  अंचलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भेजा है. बावजूद इसके उनके आवेदन पर संज्ञान लेते हुए कोई कारवाई नहीं की गई. जिसके चलते दबंगों का मन और भी बढ़ गया तथा सड़क का निर्माण कार्य जारी रहा.

सड़क निर्माण के कारण उनके खेतों में भारी जल जमाव हो गया है. जिसके चलते धान के बिचड़ों के सड़ जाने की संभावना है. उन्होंने बताया कि जल जमाव को खत्म करने के लिए अर्धनिर्मित सड़क को काटना पड़ेगा. लेकिन उन्हें भय है कि वह अगर सड़क को काटते हैं तो यह भी संभव है कि मुखिया पति एवं वार्ड पार्षद पति उनके ऊपर जानलेवा हमला कर दें अथवा किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे दें. ऐसे में परेशान ग्रामीणों ने बक्सर टॉप न्यूज़ से संपर्क कर अपनी व्यथा को सामने रखा.

मामले में नावानगर के अंचलाधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा उन्हें फोन पर मामले की जानकारी तो दी गई है, लेकिन उनके द्वारा भेजा गया रजिस्टर्ड आवेदन उन्हें अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में जब तक लिखित आवेदन प्राप्त नहीं होता तब तक वह कोई भी कारवाई नहीं करेंगे.

















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