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Buxar Top News: खतरे की घंटी: तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर बक्सर में हाई अलर्ट ..



निचले दियारा इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने ही वाला है. ऐसे में इन इलाकों में रहने वाले लोगों की रातों की नींद गायब हो चुकी है। लोग रतजगा कर रहे हैं.

- दियारा इलाकों में उड़ गई है लोगों की नींद जाग कर बिता रहे हैं रातें.
- सहायक नदियों में उफान के कारण प्रति दिन एक मीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है जलस्तर.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: वाराणसी तथा ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश तथा सहायक नदियों में उफान के मद्देनजर गंगा के जलस्तर में तेजी शुरू हो गई है. बक्सर में प्रतिदिन 1 मीटर से अधिक की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में तेजी दर्ज की जा रही है बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता एजाज कलीम ने बताया कि शनिवार की शाम को जहां जल स्तर 52.20 मीटर था वह रविवार की सुबह 53.48 मीटर रिकॉर्ड किया गया.


बाढ़ की दस्तक ने उड़ा दी रातों की नींद:

बाढ़ की दस्तक से जहां दियारा इलाके के लोगों के बीच भय का माहौल कायम हो गया है. वहीं नगर के भी सोमेश्वर स्थान तथा चरित्रवन के कई गंगा तटीय इलाकों के लोगों की चिंता बढ़ गई है.हालांकि, बक्सर में अभी गंगा खतरे के निशान से तकरीबन 7 मीटर नीचे है. लेकिन निचले दियारा इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने ही वाला है. ऐसे में इन इलाकों में रहने वाले लोगों की रातों की नींद गायब हो चुकी है। लोग रतजगा कर रहे हैं.

जिला प्रशासन ने भी कसी है कमर, बांधों की हो रही नियमित निगरानी, बनाया गया है नियंत्रण कक्ष:

मामले में सदर अनुमंडलाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन भी काफी सतर्क है. बांधों की नियमित निगरानी की जा रही है. दूसरी तरफ बाढ़ को लेकर किसी भी प्रकार की सहायता या सूचना के आदान-प्रदान के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष कार्यरत है. हालांकि, बाढ़ के दौरान लोगों की सहायता एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी अंचलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है. यही नहीं बाढ़ के दौरान लोगों की सहायता सहायता एवं बचाव को लेकर सभी अंचलाधिकारियों थाना प्रभारियों और जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है.

पिछले वर्षों की बाढ़ ने मचाई की भारी तबाही.

वर्ष 2016 में बक्सर में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी. दियारांचल तो दो मंजिला मकान भी जलमग्न हो गए थे. जबकि बक्सर नगर में विभिन्न इलाकों में नालियों के माध्यम से नहरों का पानी आ गया था. स्थिति तो यह थी कि कई इलाकों में नाव चलानी पड़ रही थी. वर्ष 2017 में आई बाढ़ से भी नुकसान तो हुआ था लेकिन यह नुकसान 2016 की बाढ़ से कम था.

कहते हैं अधिकारी:

मामले में सदर अनुमंडलाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गई है. जिला नियंत्रण कक्ष के अतिरिक्त सभी अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी नियमित रूप से बांधों का निरीक्षण कर रहे हैं एवं अलर्ट मोड में हैं.

















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