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Buxar Top News: सगी मौसी और ममेरे भाई ने की थी मासूम शशांक की निर्मम हत्या ..



करुणानिधि पर सिमरी थाने में नाबालिग से छेड़खानी करने के मामले समेत नया भोजपुर थाने में भी मारपीट दबंगई तथा तोड़फोड़ के मामले दर्ज है. इन अपराधिक रिकार्डो को देखकर पुलिस को पहले ही करुणानिधि पर संदेह हो गया था.

- 50 लाख रुपए फिरौती के लालच में ममेरे भाई तथा मौसी ने मिल कर दिया था घटना को अंजाम
- पुलिस की बड़ी दबिश दो हत्या कर गाजीपुर में फेंक दी लाश.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  पिछले 8 जून को सिमरी के दुधीपट्टी स्थित अपने ननिहाल से अगवा कर जिस मासूम शशांक की निर्मम हत्या कर दी गई थी. उसकी हत्या का राज खुलने के बाद लोगों का इंसानियत ही नहीं बल्कि रिश्तो पर से भी भरोसा उठ जाएगा. 

सगी मौसी तथा ममेरे भाई ने रची थी शाजिश: 

मामले में पुलिस ने गहन जांच पड़ताल करने के बाद जो बात जग जाहिर की है उसके अनुसार मासूम की हत्या करने में उसके अपने ममेरे भाई तथा अपनी मौसी की मुख्य भूमिका थी. उन्होंने 50 लाख रुपयों की फिरौती के लालच में इस घटना को अंजाम दिया था. मामले में बक्सर में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि आठ जुलाई को सिमरी स्थित अपने मामा स्वर्गीय भगवान राय के घर के सामने खेल रहे शशांक राय 10 वर्ष का अपहरण कर लिया गया था. मामले में शशांक के ममेरे भाई शशि शेखर राय द्वारा मामला दर्ज कराया गया था. 


अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में बनायी गयी थी टीम: 

मामले की तफ्तीश करते हुए पुलिस ने डुमराँव अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कृष्ण कुमार सिंह के नेतृत्व में डीआईयू सदस्य पुलिस निरीक्षक आदित्य कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह, सिमरी थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार, डीआईयू के सदस्य सुदामा सिंह तथा आलोक कुमार के नेतृत्व में छह सदस्य टीम बनाकर मूल बिंदु से पड़ताल शुरु की. पड़ताल में यह बात सामने आ गई थी कि मामले में किसी बेहद करीबी का हाथ है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस मृतक शशांक की मौसी सरोजा देवी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. 

पुलिस के सामने हत्यारिन मौसी ने खोला चौकाने वाला सच:

पुलिस हिरासत में सरोजा देवी ने जो बात पुलिस को बताई वह चौकाने वाली थी. उसने बताया कि उसी ने अपने भतीजे के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है. बावजूद इसके पुलिस ने जांच को और आगे बढ़ाया तो सरोजा की बात की सच्चाई सामने आ गई. दरअसल सरोजा के भाई तथा मृतक शशांक के ममेरे भाई करुणानिधि राय ने ही अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 50 लाख रुपयों की फिरौती को लेकर शशांक का अपहरण कराया था. पुलिस एक एक बिंदु पर गहनता से पड़ताल कर रही थी. पुलिस की बढ़ती दबिश के सामने जब  हत्यारे  करुणानिधि को बात बनते नहीं दिखाई दी और उसे लगा कि अब उसका राज खुल जाएगा तो उसने शशांक की निर्मम हत्या करवा दी तथा साक्ष्य को छिपाने के लिहाज़ से अपने साथियों के हिसाब से गाजीपुर से थाना अंतर्गत गंगा पुल के नीचे फेंक दिया.

मौसी ने ही भेजा था आखिरी बुलावा: 

निर्ममता पूर्वक की गई शशांक की हत्या के बाद पुलिस ने जब एक-एक कर मामले की तफ्तीश शुरू की तो पता चला की शशांक की मौसी ने ही उत्तर-प्रदेश के बलिया जिले के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के भाटी गांव के निवासी अपनी बहन रेणु देवी तथा बहनोई  राकेश कुमार राय को बुलावा भेजा था. दरअसल यह बुलावा ही साजिश की पहली कड़ी थी. इसके पूर्व दिनारा थाना क्षेत्र के देववहा गांव के स्वर्गीय वीरेंद्र राय की पत्नी सरोजा ने अपने भतीजे करुणानिधि के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग तैयार कर ली थी. 

अपहरण के 1 घंटे बाद ही ममेरे भाई नहीं शुरू करवा दी थी गुमशुदगी की उद्घोषणा:

मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि शशांक के अपहरण के महज एक घंटे के बाद ही गुमशुदगी की उद्घोषणा शुरू कर दी गई थी. यह पुलिस के लिए चौंकाने वाली बात थी. उसी समय पुलिस को करुणानिधि पर संदेह हो गया था. जिसके बाद से उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी बताया जा रहा है कि करुणानिधि पर सिमरी थाने में नाबालिग से छेड़खानी करने के मामले समेत नया भोजपुर थाने में भी मारपीट दबंगई तथा तोड़फोड़ के मामले दर्ज है. इन अपराधिक रिकार्डो को देखकर पुलिस को पहले ही करुणानिधि पर संदेह हो गया था.

















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