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Buxar Top News: धृतराष्ट्र बने हैं व्यवस्था के संचालक, अधर में है छात्रों का भविष्य- सौरभ तिवारी।



जो बिहार कभी दुनिया को दिशा देने का काम करता था, उसी बिहार की शिक्षा व्यवस्था आज दयनीय स्थिति में है, बिहार की शिक्षा व्यवस्था प्राइमरी व माध्यमिक स्तर पर स्तरहीन शिक्षक बहाल कर के आधुनिक मैकाले नीतीश कुमार ने ध्वस्त करने का काम किया है.

- लगाया आरोप, बिहार में ध्वस्त हो गया है बिहार में शैक्षणिक कैलेंडर.
- कहा, मजाक बना स्नातक, छात्र तथा अभिभावक सभी है परेशान.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार के स्नातक को मजाक बना कर रख दिया गया है. छात्र तथा अभिभावक सभी परेशान हैं.
एक तो सेशन पहले से लेट चल रहा है. वहीं जुलाई बीतने को आया अभी तक नामांकन प्रक्रिया शुरू नही हो पाया. यह कहना है छात्र शक्ति के संयोजक सौरभ तिवारी का.


उन्होंने कहा कि जिन कॉलेज में जिन विषयों की पढ़ाई नही होती है. उन विषयों में भी अप्लाई करा दिया गया.
छात्राओ को जिला से बाहर के कॉलेजों में नामांकित करने का काम किया गया. प्रवेश से पहले बिहार में पढ़ाई, परीक्षा, परिणाम ठीक करने की  आवश्यकता है.


जो बिहार कभी दुनिया को दिशा देने का काम करता था, उसी बिहार की शिक्षा व्यवस्था आज दयनीय स्थिति में है, बिहार की शिक्षा व्यवस्था प्राइमरी व माध्यमिक स्तर पर स्तरहीन शिक्षक बहाल कर के आधुनिक मैकाले नीतीश कुमार ने ध्वस्त करने का काम किया है. वही आनन-फानन में लिंगदोह कमिटी के अनुशंसा को ताक पर रख छात्रसंघ चुनाव करा कर अपराधियो व बाहुबली समर्थित छात्रनेताओ का परचम लहराने का काम किया.

उसके बाद उच्चतर शिक्षा में सुधार के नाम जिस तरह से स्नातक में पूरे बिहार में एक साथ सभी विश्व विद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई वह किसी भी दृष्टि से सही नहीं है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी सुदूर देहात से आने वाले खेतिहर, मजदूर, किसान, गरीब, गुरबा छात्र छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जब छात्रों को 150 किलोमीटर दूर के कॉलेज में नामांकन का तुगलकी फरमान दिया जा रहा है. जिससे बहुत सी छात्राएं जो सक्षम नही है, वह पढ़ाई से वंचित हो जाएंगी.

उन्होंने राज्यपाल को संबोधित करते हुए कहा है कि "महामहिम इस आनन्द किशोर के बहकावे में नही आइये, बिहार की भौगोलिक परिस्थिति व आर्थिक स्थिति को देखते हुवे । इस नामांकन की प्रक्रिया पर रोक लगा कर इसे जिला स्तर पर किया जाये. साथ ही 5 कॉलेज चुनने की बाध्यता को समाप्त किया जाए."

















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