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Buxar Top News: सड़क के बीचो-बीच बना है मौत का कुआं, कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना ..



ऐसी स्थिति में बीच सड़क पर बना यह मौत का कुआं कभी भी किसी को भी  अपना शिकार बना सकता है. हालांकि, इसकी गहराई बोरवेल जितनी नहीं है फिर भी  छोटे बच्चों के लिए यह बेहद खतरनाक है. 

- मुंगेर में बोरवेल में बच्ची के गिरने की घटना के बाद भी सबक नहीं ले रहा नगर परिषद.
- वार्ड पार्षद के द्वारा किए गए प्रयास भी नाकाफी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर परिषद के वार्ड नंबर 6 से बड़का नुआंव गाँव के मुख्य मार्ग तक जाने वाली सड़क मौत को खुला निमंत्रण दे रही है. दरअसल, एक तो यह सड़क बेहद बदहाल स्थिति में है वहीं दूसरी तरफ इसी सड़क पर बनाए गए सीवरेज का मेनहोल खुला हुआ है. हाल ही में मुंगेर में  बोरवेल में  बच्ची के फंसे होने की दिल दहलाने वाली खबर ने खबर ने पूरे देश में तहलका मचा दिया था. हर व्यक्ति बच्ची के सुरक्षित निकाले जाने की दुआ कर रहा था. ऐसी स्थिति में बीच सड़क पर बना यह मौत का कुआं कभी भी किसी को भी  अपना शिकार बना सकता है. हालांकि, इसकी गहराई बोरवेल जितनी नहीं है फिर भी  छोटे बच्चों के लिए यह बेहद खतरनाक है. साथ ही साथ पैदल तथा दोपहिया सवार भी आसानी से इसकी चपेट में आ सकते हैं.


स्थानीय निवासियों ने बताया कि सीवरेज निर्माण के दौरान मेनहोल को सीमेंटेड ढक्कन से ढका गया था कुछ ही समय के बाद भारी वाहनों की आवाजाही से यह ढक्कन टूट गया. तकरीबन डेढ़ साल पूर्व टूटे इस ढक्कन के स्थान पर नया ढक्कन अभी तक नहीं लगाया गया. नतीजा यह हुआ कि मौत के कुएं की तरह बन चुका यह गड्ढा दुर्घटनाओं को आमंत्रित करता रहा. कई दफ़े कई लोग गड्ढे में गिर घायल भी हो चुके हैं. लेकिन स्थानीय निवासियों के त्वरित प्रयास से उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है. 


स्थानीय निवासी सरोज कुमार यादव बताते हैं कि इस गड्ढे में एक बार एक छोटा बच्चा भी जा गिरा था, गनीमत यह रही कि लोगों ने उसे देख लिया और तत्काल प्रयास से उसे निकाल दिया गया. स्थानीय निवासी विजयमल राम, रमेश कुमार, चंदन कुमार, तथा लक्ष्मी देवी ने बताया कि दिन में तो खतरे की आशंका कम होती है, लेकिन रात को इस मौत के कुएं में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि वार्ड पार्षद को बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद उनके स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया गया. यही नहीं स्थानीय निवासियों के द्वारा झंडा वगैरह लगा कर भी खतरे की आशंका को कम करने की कोशिश की गई. लेकिन झंडा गायब हो जाने के कारण कोशिश सफल नहीं हो सकी.

मामले में वार्ड पार्षद पुष्पा कुमारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि निर्माण काल के कुछ समय बाद ही सीवरेज के ऊपर बने ढक्कन के टूट जाने के बाद लोगों के इसके चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बढ़ गई थी, जिसको देखते हुए उनके द्वारा कूड़े-कचरे से इसे भरने का प्रयास किया गया. जिसके बाद तकरीबन दो फीट तक गड्ढा भर भी चुका है. बावजूद इसके अभी भी दुर्घटनाओं का खतरा कम नहीं हुआ है. वह प्रयास कर रही हैं कि जल्द ही सीमेंटेड ढक्कन लगाकर इसे ढक दिया जाए.

















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